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18 सितंबर 2019 हरे कृष्ण आज हमारे मध्य 399 लगभग 401 भक्त कॉन्फ्रेंस में जप कर रहे हैं पहले के कंपैरिजन में आंकड़ा कम है। 400 भक्त है और सेनापति भक्त भी लिख रहे हैं जप करते हुए यह अच्छा नहीं है हमारे आंकड़े काफी कम हो गए हैं। पिछले 50 दिनों में काफी कम आंकड़े हो गए हम 700 तक पहुंच गए थे 700 की जगह आज 400 ही भक्त दिखाई दे रहे हैं और धीर प्रशांत प्रभु जो 10,000 मील दूर हैं, वहां से वे जप करते हुए दिखाई दे रहे हैं और भारत के भक्त जो यहां पहले आते थे वह अब नहीं आ रहे हैं और आप में से कुछ जप भी कर रहे थे वह तो दिख रहे हैं परंतु कुछ ऐसे व्यक्ति हैं जो पहले तो आते थे अब नहीं आ रहे हैं। हमें जो स्कोर मिलेगा उससे तो पता चल ही जाएगा कि कौन आ रहा है और कौन नही आ रहा है। इन दिनों में हम यह कर रहे थे कि मैं जप करके आपको रिकॉर्डिंग भेज रहा था तो जूम पर यह जपा सेशन रुका ही नहीं। कभी-कभी ऐसा भी हुआ कि हम लोगों ने साथ में भी जप किया लाइव भी हुआ था मैं अगर नहीं था तो इतने सारे भक्त, आप जितने भी भक्त थे इस कांफ्रेंस पर वह तो सारे थे ही और सबके साथ जप करने का एक अलग परिणाम होता है, एक अलग शक्ति होती है तो यह आशा थी कि अगर मैं लाइव नहीं भी आता था तो आप सभी यहां पर सम्मिलित होकर एक साथ जप करते थे। जैसा मैंने कहा मैं वापस आ चुका हूं पहले भी मैंने कहा मैंने कांफ्रेंस छोड़ा ही नहीं था या मैं दूर नहीं था लेकिन अब मैं भारत में आ चुका हूं। कल दिल्ली में रात को 7:30 बजे के आसपास पहुँचा।17 सितंबर को मैं यहां पर भारत मे पहुंचा और 17 सितंबर 1965 वह दिन जब श्रील प्रभुपाद अमेरिका पहुंचे थे, 17 सितंबर विश्व हरिनाम उत्सव की भी तारीख है 17 सितंबर से विश्व हरि नाम उत्सव वर्ल्ड होली नाम का भी प्रारंभ हुआ है मैं एक प्रकार से उस उत्सव का उद्घाटन करने ही यंहा वापस पहुंचा हूं विश्व हरिनाम उत्सव जो कि कल से प्रारंभ हो चुका है। हम चाहते हैं आप सभी जहां हो वहां पर रहकर वहीं से ही अपनी उपस्थिति देकर इस हरिनाम में शामिल हो। आप जिस भी देश में जिस भी मंदिर या भक्ति वृक्ष से जुड़े हैं, प्रचार केंद्र से जुड़े हैं हम चाहते हैं कि आप विश्व हरि नाम उत्सव में उत्साह पूर्वक भाग लीजिए। लगभग 20 सालों से हम यह उत्सव मना रहे हैं विश्व हरि नाम उत्सव आप जहां भी हैं जिस भी मंदिर से जुड़े हैं वहां पर यह पता लगा सकते हैं कि उस मंदिर में यह उत्सव की जानकारी पहुंच चुकी है। जैसे कि चैतन्य महाप्रभु कहते हैं गोरा चांद बोलते हैं की आप उठ चुके हैं आपके मंदिर के लोग या जिस मंदिर से आप जुड़े हैं वहां के भक्तों को यह पता है या नहीं, तो बताइए विश्व हरि नाम के उत्सव के बारे में और मंदिर के अधिकारी को भी बता सकते हैं इस हरिनाम उत्सव के बारे में और आप किस प्रकार भाग ले सकते हैं और यह जीबीसी जो गवर्नर बॉडी कमीशन है इस्कॉन की, उनका ही यह एक प्रोजेक्ट हैं तो हम चाहते हैं कि इस्काॅन के जितने भी मंदिर और प्रचार केन्द्र है, जितने भी भक्त हैं वह इस हरिनाम उत्सव में जुड़ें, अलग-अलग प्रकार से भाग ले और इसे बड़ी ही धूमधाम से मनायें। जैसे मैंने कहा कि यह जीबीसी का ही इनीशिएटिव है या जी बी सी का प्रोजेक्ट है, जी बी सी ने यह सेवा मुझे दी है मैं इस उत्सव का या इस प्रोजेक्ट का मुख्य कोऑर्डिनेटर हूं तो मुझे आप सबकी मदद चाहिए। मुझे मदद चाहिए कि आप लोग इसमें उत्साह पूर्वक भाग लीजिए और सेवा को पूर्ण करने में मेरी सहायता कीजिए, तो हम चाहते हैं कि दुनिया भर के लोगों को यह पता चले कि श्रील प्रभुपाद वे हरिनाम के दूत हैं। किस प्रकार श्रील प्रभुपाद ने हरिनाम दिया है इस पूरे विश्व को और किस प्रकार से हरिनाम से पूरे लोगों का कल्याण किया है, इस हरिनाम उत्सव से हमें यह बताना है जैसे मैंने कहा कि हरिनाम सबसे बड़ा धन है, हम कहते तो है लेकिन क्या हम वास्तव में इसे महसूस करते हैं। हरिनाम भगवान का नाम है, हरे कृष्ण महामंत्र है वही सबसे बड़ा धन है और उसे प्राप्त करने से, उसे जप करने से, उसका मनन चिंतन करने से हमारी चेतना में, हमारी बुद्धि में धारण करने से हम पूर्णतया वास्तविकता में धनी बनते हैं। इसका अनुभव करना बहुत महत्वपूर्ण है श्रील प्रभुपाद ने इस हरिनाम, हरे कृष्ण महामंत्र का पाश्चात्य जगत में प्रचार किया और पूरे गर्व के साथ श्रील प्रभुपाद जब इसका प्रचार करके भारत लौटे, भारत में श्रील प्रभुपाद ने बताया पूरे गर्व के साथ कि इस हरे कृष्ण महामंत्र के प्रचार से मैंने विदेश के जो hippie लोग हैं जो असंस्कृत वर्ग है, जो हम सब जानते हैं कि हिप्पीज श्री प्रभुपाद बताते हैं कि मैंने हिप्पीज को हैप्पी बनाया। hippies का जो दुखी और पूरी तरह अशिक्षित वर्ग था पाश्चात्य जगत का उनको मैंने आनंद दिया है उनको मैंने खुशी दी है किस प्रकार से मैं कर पाया यह केवल हरे कृष्ण महामंत्र के जप के प्रचार से कर पाया। श्रील प्रभुपाद ने कहा मैंने उनसे क्या करने को कहा मैंने केवल उनसे हरे कृष्ण महामंत्र का जप करने को कहा, महामंत्र का कीर्तन करो श्रील प्रभुपाद जी ने यह समझाया कि किस प्रकार से हरेर्नामेव केवलं गुरु महाराज ने यह श्लोक बताया है की हरिनाम के बिना कलयुग में और कोई धर्म नहीं है और कोई उपाय नहीं है, श्रील प्रभुपाद ने इसका प्रचार करके इसको भी हैप्पी बनाया, मैं काफी बार यह कहता ही रहता हूं यह सरल सी बात है, सरल सी अंडरस्टैंडिंग भी है। अगर हमें खुश रहना है अगर सुखी रहना है तो हमें धन चाहिए हमें खुश और सुखी रहने के लिए हमें धनी या अमीर होना चाहिए जो एक प्रकार से मिथ्यावादी भी है, यह एक वास्तविकता भी है हमे खुश रहने के लिए धनी होना चाहिए, हमें सुखी रहने में, प्रसन्न रहने में परंतु यह एक मिथ्या प्रचार है, एक भ्रांत धारणा है। मनुष्य समाज में फैला हुआ है कि धनी का अर्थ है केवल पैसा होना, अभी रसिया में थे तो रसिया के लोग यह मानते थे कि जितने भी ज्यादा रूबी होंगे उतने ही ज्यादा धनी कहलाएंगे या जितने ज्यादा यूरो होंगे जो यूरोप की करेंसी है जितने ज्यादा ऐनी होंगे जो भारत की करेंसी है जितने ज्यादा रुपए होंगे हमारे पास उतने ही हम धनी कहलाएंगे यह एक मिथ्या प्रचार, मिथ्या धारणा, भ्रांत धारणा है हम लोगों के बीच लेकिन हमें यह समझना होगा, यह जानना होगा कौन सा धन सबसे अधिक योग्यता मे हमें धनी बनाता है और किस धन की बात की जा रही है सुखी रहने के लिए। भौतिक जगत के लोग या इस संसार के लोग 9:00,10:00 बजे कुछ लोग 11:00 बजे धन अर्जन के कार्य शुरू करते हैं लेकिन हम हरे कृष्ण भक्त कितने बजे धन कमाना शुरू कर देते हैं काफी पहले से अपना धन अर्जन करना प्रारंभ कर देते हैं। जिस प्रकार हम सुबह उठते हैं मंगला आरती, फिर हम जप करने बैठते हैं तो भौतिक जगत के लोगों से काफी पहले हम यह कार्य शुरू कर देते हैं। धन अर्जन करने का जैसे हम समझ रहे हैं कि कौन से धन की बात हो रही है यहां पर और इंग्लिश में जैसे कहावत है कि जो व्यक्ति जल्दी सोता है, वह जल्दी उठ पाता है जल्दी उठने से वह ज्यादा होशियार बनता है वह तंदुरुस्त भी रहता है और वह धनी भी होता है तो धनी किस प्रकार बन जाते हैं जैसे कि हम सुबह में उठ रहे हैं हम ब्रह्म मुहूर्त में उठ रहे हैं और उठकर हम हरे कृष्ण वाले भक्त जो कार्य करते हैं। मंगला आरती करने के बाद हम हरे कृष्ण महामंत्र का जप करते हैं, हरि नाम भगवान का धन अर्जन करना शुरू कर देते हैं धन कमाना शुरू कर देते हैं और यह जो धन है यह हमारे साथ अनंत काल तक रहता है। जबकि हम जो दूसरा धन जो भौतिक जगत का धन कमाते हैं या जो भी हम इन्वेस्टमेंट करते हैं या इधर-उधर हम सेविंग करते हैं कुछ ही समय शायद शरीर के साथ उसका संबंध होता है। लेकिन हरे कृष्ण महामंत्र जपने से जो धन प्राप्त होता है, हरि नाम का जो धन है वह हमारे साथ हमेशा रहता है, जैसे हमने कहा जैसे हम चर्चा कर ही रहे हैं। किस प्रकार से हरिनाम ही धन है हरिनाम या हरे कृष्ण महामंत्र किस प्रकार से वास्तविक धन है। इस हरिनाम उत्सव में हमारा यही मुख्य कार्य है कि हम हरिनाम की ख्याति हरिनाम का गौरव किस प्रकार से फैलाएं। हरिनाम से हम धनी बन सकते हैं, कल इसके बारे में लोगों को बताएं। हरिनाम उत्सव जो प्रारंभ हो चुका है वह लगभग 1 सप्ताह तक चलेगा तो आप में से भक्तों को कुछ और सूचना चाहिए वर्ल्ड होली नेम की जो वेबसाइट है वहां पर भी देख सकते हैं। अन्य भक्तों से भी पूछ सकते हैं किस प्रकार हम हरि नाम उत्सव में भाग ले सकते हैं। इस प्रकार से इसे और अच्छे से मना सकते हैं। आचार्य ने हमें समझाया कैसे हरिनाम धन प्राप्त कर सकते हैं, इसमें दो कार्य करने हैं, एक हमें खुद इस धन को प्राप्त करना है दूसरा नाम की मधुरता को हमें समझना है और लोगों तक पहुंचाना है। लोग अभी हरिनाम से जुड़े नहीं हैं, हरे कृष्ण महामंत्र से जुड़े नहीं हैं, इस हरिनाम की महिमा को समझाते हुए उन्हें बताना है। हमें यह दो कार्य करने हैं आचार और प्रचार तो हमें स्वयं भी करना है और इसकी अलग-अलग सेवा से, अलग-अलग पद्धति से, अलग-अलग कार्यों से यह हरिनाम हमें लोगों तक पहुंचाना है यह संदेश पहुंचाना है कि वह किस प्रकार से इस हरिनाम को प्राप्त कर सकते हैं। मंदिर के जितने भी प्रवचन होते हैं सुबह भागवतम या शाम को भगवत गीता क्लास के समय या जितने भी प्रोग्राम होते हैं आप लोगों के अपने-अपने मंदिरों में वह सारे क्लासेज हरे कृष्ण महामंत्र की महिमा को प्रकाशित करने पर होने चाहिए। हरिनाम हरे कृष्ण महामंत्र वह हर कक्षा का सब्जेक्ट बन सकता है तो दूसरा एक और प्रकार है कि किस प्रकार से आप खुद जुड सकते हैं और भक्तों को जोड़ सकते हैं। वह है जपाथन जैसे हम भगवत गीता मैराथन करते हैं वैसे हम उत्सव में हरिनाम जपाथन करते हैं जिसमें हम अधिक संख्या में जप करते हैं। कल मैं कुछ भक्तों से मिला उन्होंने मुझे बताया कि वे 64 माला का जप कर रहे हैं। इस विश्व हरि नाम उत्सव के उपलक्ष में उन्होंने 64 माला जप किया और हमारा एक रिकॉर्ड भी है, एक बैंक भी है जिसे हरि नाम बैंक कहते हैं जो हमारी वेबसाइट है उस पर भी उसकी फैसिलिटी है जहां पर आप बता सकते हैं, अपना रिपोर्ट दे सकते हैं। कितने अधिक जप किए या आपने भक्तों से कितने अधिक जप करवाएं और जपाथन के अंतर्गत हरिनाम बैंक में आप अपना डाटा कर सकते हैं। यह नोएडा का कोई लोकल बैंक नहीं है यह विश्व इंटरनेशनल लेवल पर है। नोएडा के भक्त मॉर्निंग वॉक के समय अलग-अलग विभिन्न पार्क में जाकर जो लोग सुबह घूमने आते हैं उनसे हरे कृष्ण महामंत्र की एक माला करवाते हैं, यह काफी अच्छा प्रारंभ है , काफी अच्छी सेवा है हम लोग रास्ते में जाकर संकीर्तन भी कर सकते हैं। यंहा रविवार को, नोएडा जो एनसीआर है जिसमें दिल्ली नोएडा के अन्य मंदिर अन्य क्षेत्र जुड़े हुए हैं, जिसे एन सीआर कहते हैं राजधानी का भाग है, इस रविवार को महा आयोजन किया गया है जिसमें नोएडा, दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद ,गुरूग्राम ,ग्रेटर नोएडा के सारे भक्त सम्मिलित होंगे। लगभग 10,000 की संख्या में भक्त उपस्थित रहेंगे और सारे भक्त मिलकर हरि नाम संकीर्तन करेंगे। दिल्ली एन सीआर के रास्तों पर और गुरु महाराज भी उसमें उपस्थित रहेंगे। आप लोग भी इससे जुड़ सकते हो, और केवल दिल्ली में 1 दिन कर रहे हैं लेकिन क्यों ना आप लोग भी अपने अपने मंदिर में ऐसा कर सकते हैं। कुछ ऐसे मंदिर के भक्त भी हैं जो हर रोज हरिनाम संकीर्तन के लिए जा रहे हैं, नोएडा के मंदिर से भी भक्त सुबह और शाम को हरिनाम संकीर्तन के लिए जा रहे हैं। आप भी इस प्रकार से अपने -अपने मंदिरों में यह कार्य भी कर सकते हैं। एक और प्रकार है आप 1 दिन अखंड हरिनाम संकीर्तन अपने मंदिर में कर सकते हैं, कीर्तन का आयोजन कर सकते हैं, जैसे एकादशी पर करते रहते हैं। कुछ भक्त या कुछ मंदिर 1 दिन या 24 घंटे ,12 घंटे मंगल आरती से संध्या आरती तक अखंड हरिनाम संकीर्तन हो सकता है। मंदिर में वह एक प्रकार है एक दिवसीय पदयात्रा वह भी एक प्रकार है कि आप किस तरह से हरिनाम उत्सव में जुड़ सकते हैं। कीर्तन मेला किस तरह से आप यह सेवा कर सकते हैं और जपा रिट्रीट भी है अपने मंदिरों में कहीं पर कुछ भक्त जपा रिट्रीट का भी आयोजन करते हैं। वह भी एक तरीका है इस प्रकार से हमने बताया अलग-अलग कार्य है, अलग-अलग सेवा है किस प्रकार से आप हरिनाम उत्सव में जुड़ सकते हैं, और हम यह देखना चाहते हैं कि आप यह सेवा स्वयं करें और अपने मंदिर के सारे भक्तों को भी सेवा में लगाए। हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप केवल कहें या सेवा देखें आप भी स्वयं सेवा में जुड़े इस उत्सव को धूमधाम से मनाने और अभी पांच-छह दिन है हमारे पास और इस महा उत्सव को मनाने में जुड़ सकते हैं और भी विभिन्न प्रकार से सेवा कर सकते हैं। हम यह भी चाहते हैं कि इस विश्व हरि नाम की समाप्ति पर आप एक रिपोर्ट भी बनाए इस रिपोर्ट में बता सकते हैं आप ने कितने जप किए या कितने अधिक जप करवाएं, कितनी पदयात्रा आयोजित की, कितने कीर्तन मेला हुए, या कितने नॉनस्टॉप कीर्तन हुए कितने हरिनाम संकीर्तन किए तो आपने जो भी कार्य जो भी सेवा इस उत्सव के दरमियान की है वह आप बता सकते हैं अपनी रिपोर्ट में। हर एक मंदिर अपना रिपोर्ट भेज सकता है या कुछ ग्रुप इकट्ठे होकर या कुछ मंदिर इकट्ठे होकर अपने एक रिपोर्ट भेज सकते हैं। उद्देश्य यह है कि आपने जो भी कार्य जो भी सेवा की है विस्तृत रूप से उसका वर्णन करके हमें एक रिपोर्ट भेजिए और फिर हम उस रिपोर्ट को पूरे विषय के साथ शेयर करेंगे, पूरे विश्व को बताएंगे आपने क्या सेवाएं कि। आपने क्या-क्या कार्य किए हैं वर्ल्ड होली नेम विश्व हरि नाम के दरमियान, यह भी एक सेवा है। हमारी जूम कांफ्रेंस में जैसा कि आप सब देख रहे हैं केवल 403 ,402 भक्त हैं अभी और हमारा एक समय था 600, 700 भक्त इस कांफ्रेंस में एक साथ मिलकर जप करते थे। यह भी एक सेवा विश्व हरि नाम उत्सव के दरमियान है। आप सभी भक्त और लोगों को बताएं, और लोगों को जोड़िए जिससे कि इस जूम कॉन्फ्रेंस पर हम वह नंबर या उससे अधिक आंकड़े प्राप्त कर सके, यह भी एक महत्वपूर्ण सेवा है। आने वाले दिनों में जपा टोक के समय हम प्रयास करें, चर्चा करें, आप में से कुछ भक्त बता सकते हैं कि आप किस प्रकार इस विश्व हरि नाम उत्सव को और फैला सकते हैं अगर आपके पास कुछ अलग हटके कुछ आईडिया है आप बता सकते हैं। या जिनके पास है वह बता सकते हैं हम प्रयास करेंगे आने वाले कुछ दिनों में नोएडा मंदिर 15 दिवसीय पदयात्रा का आयोजन कर रहा है उसका आमंत्रण दिया जा रहा है आप सबको। 15 दिवसीय पदयात्रा (नोएडा इस्कॉन मंदिर से वृंदावन) 29 तारीख से शुरू हो रही है। आप में से जो भक्त सम्मिलित हो सकते हैं पदयात्रा में । अब दर्शन का समय हो चुका है गोविंद जी के दर्शन के लिए हम यहां पर रुकेंगे । परम पूज्य लोकनाथ स्वामी महाराज की जय हरे कृष्णा

English

18TH SEPTEMBER 2019 WORLD HOLY NAME FESTIVAL Hare Krishna! Good Morning! Well, I am back, I think I had never left also. There are 400 participants The number has certainly dropped. I see Senapati bhakta. We have Dhira Prashant Prabhu with us 10,000 miles away chanting. I think the number has dropped, so, not a good sign. We had reached 700 and now it is so low. Some of you, those who are chanting are there and those who used to be there are not here now. I was up to chanting and you hearing, sometimes there was live and some of you were chanting with me and may be the rest of the times it was not live, maybe you were hearing recorded Japa and Japa talk. But regardless of whether there is live or recorded, we were expecting you to continue to chant. And if I am not there, devotees around the world are chanting with you. All over India is chanting with you. The power of association is there that way, so many together chanting. Japa conference is the power association. As I said I am back in India. I arrived just today, early yesterday morning, namely 17 September and it was also the day in 1965 that Prabhupada had reached America. Prabhupada was in America on 17 September 1965. 17 September, yesterday was the beginning of a global festival called the World Holy Name Festival. I also kind of returned on the 17th to India to inaugurate that festival of the holy name. We would like you all to be part of this World Holy Name Festival from 17 to 24 September wherever you are - whichever continent, country. temple, Bhakti Vriksa. We want you all to actively participate in this World Holy Name Festival. We have been celebrating this festival every year for the past twenty years. We want more promotion and more participation in this festival this time. I would like you to make sure that your continent, your country, your temple authorities are aware and awake - Gaurachanda bole. Gaurachanda is calling. We want to celebrate the World Holy Name Festival and I want you to remind your temple authorities about this World Holy Name Festival. This is a GBC initiative. This is one of the programs the GBC wants to see spread. The GBC had asked me to be the coordinator of this event and I want you to assist me to make this World Holy Name Festival a grand success. We want to let the world know that Srila Prabhupada was the Ambassador of the holy name. Srila Prabhupada gave the gift of the holy name to the whole world so we want to remember Srila Prabhupada for this contribution. We would like to be grateful for what Srila Prabhupada has done for the whole world by giving this wealth of the gift of the holy name. Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna, Hare Hare Hare Rama, Hare Rama Rama Rama, Hare Hare This holy name is the true wealth. You are just saying it, but I wonder if you realise that this is something very, very valuable. Your consciousness could get enriched by chanting, hearing and assimilating this Hare Krishna mahamantra. With great pride Srila Prabhupada preached and enriched the souls from the Western world. Prabhupada returned to India and he declared that he had made hippies into ‘happies’. This was Srila Prabhupada’s contribution - making hippies happies. How did Srila Prabhupada do this? He just asked them to chant the holy name and be happy. That was the exact same message to the world. If you wish to be happy, then there is only one way: harer nama harer nama harer namaiva kevalam kalau nasty eva nasty eva nasty eva gatir anyatha In this age of quarrel and hypocrisy, the only means of deliverance is the chanting of the holy name of the Lord. There is no other way. There is no other way. There is no other way.” [Adi 17.21] Time and time again I say that in order to be happy you have to be wealthy. It is an illusion that if you make more money, you will be happy and if you want to be happier, you have to make more money. It is a fact that you need wealth to be happy. Unfortunately the world does not realise what kind of wealth could make you happy. There is the mundane rupees, dollars, rubles which if acquired in abundance will make you happy. This is a big misunderstanding. You will have to realise what kind of wealth will make you happy. You have to come to the conclusion that spiritual wealth will make you happy. This spiritual wealth is Hare Krishna, Hare Krishna…… It is guaranteed that the more you acquire this wealth, the happier you will be. The rest of the world begins acquiring wealth at 9, 10 ,11 am., but the Hare Krishna devotees begin making money much earlier:Early to bed and early to rise, makes one healthy, wealthy and wise. The wise thing that the Hare Krishna devotees do, is that they wake up early. It is quiet and peaceful in the early morning hours and the air is fresh. This gives you good health. You become wealthy because you start acquiring genuine, eternal wealth. It remains your property forever and remains with you as your soul, unlike whatever other mundane wealth you acquire. Now is the time for the World Holy Name Festival. We talk about Harinama Mahatmya, the glories of the holy name. Hare Krishna chanting is the real wealth as Gauranga Mahaprabhu and our acaryas have said. During this festival which lasts for one week or so, you should find out more about this festival from our website -www.worldholyname.org On this website you will find different things which you could do during this festival. One part of this festival is that you have to take part, chant, hear and relish the holy name. The other part is that we want to share the sweetness of the holy name with as many others as possible. so it's time for Aachar and Prachar so it's time for chanting and propagation of chanting There is a practice of chanting and propagation of chanting. Some World Holy Name Festival activities: All the talks - morning Bhagavatam and evening Gita - should be harinama centred. Japathon -Japathon, chanting lots of rounds, yesterday I met some devotees and they are chanting 64 rounds as part of this festival. Its time for Japathon ,Japa Marathon and I think you could also submit your scores / chant extra rounds and submit your scores into the global harinama bank and let the world know. Competition time to chant more and more japa Nagar Sankirtana - Street kirtana 24 hour or 12 hour kirtana Akhanda Harinama - eg. from mangala arati to sandhya arati One Day Padayatra Kirtana Mela Japa retreats - get together to improve your japa Revive the numbers on Let’s Chant Together. Spread the word around. Respond on this Zoom Let’s Chant Together forum or on the website what you are doing and if you have any new ideas. Some Initiatives: Devotees from Noida are going to different parks catching the morning walkers and getting them to chant one round at least. The temples in the NCR(National Capital Region) are getting together on Sunday for a Maha Nagar Sankirtana waking up Delhi, Noida and surrounding area. They are expecting 10 thousand devotees. So why not you? Your temple? I will also be there. The devotees from the Noida temple are going on harinama twice daily - morning and evening. * Noida devotees are starting a 15 day Padayatra on the 29 September from ISKCON Noida to ISKCON Vrindavana. The sky is the limit to how much you could do. We would like you to be the doer, especially participating in this festival. Get the devotee community, congregation fully involved in the next five to six days. Report back to us by sending us your reports (temple wise or group wise) of every activity that was undertaken as part of this World Holy Name Festival. You do it, send it to us and we will share it with the whole world. World Holy Name Festival Ki Jai You could do 24 hours kirtan or 12 hours kirtan or morning mangala Arti to sandhya Aarti, shayan aarti, non stop kirtana , akhanda naam kirtan in the temple, on some occasion of the temple. You could do one day pada yatra in your town. Kirtan melas you could organise, you could have Japa retreat , get together and japa retreat for improving japa. As I said ,there is no limit, what or how much you could do sky is the limit. So, these many and many more could be done and we would like you to be the doer not just listener and just be the witness, be actually participating and specially get the devotee community, the congregation, your temple fully involved and dedicated to World Holy name festival for these five six days. And then we would like you to report back to us, all that you did: all the rounds you chanted or Hari Naams organised , one day pad yatras whatever, non stop kirtans are organised. So, at the end of this festival each one of you or it can be temple wise reports or group wise reports we would like to hear and share those with the world, what you did , you do it and you report back to us whatever our pleasure . So, we have to revive the number of participants of this conference, this is also one project in this World Holy Name Festival, we can get back to our previous good scores 500s, 600s, 700 participants spread the word around remind others in your temple or the colony or association and get our numbers up And we could spend some time in the following sessions to hear, some scores or some innovative ideas, how we could or how you are celebrating this World Holy Name festival. You could be the part of this morning japa talk or japa time, for interactive response, what you are doing, what different things could be done, you have some exceptional ideas please share us. During the day you could write on the website. Noida is organizing pad yatra from Noida to Vrindavan for 15 days. So, those who wish to join are welcome, you can join pada yatra from ISKCON Noida to ISKCON Vrindavan. Vrindavan dham ki jai! It starts on 29th of this month.

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