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जप चर्चा 16 मई 2020 हरे कृष्णा! हरि हरि! गौरांग- नित्यानंद (आपको नित्यानंद कहना चाहिए था- वहाँ उपस्थित भक्तों से कहते हुए.....)। गौरांग- नित्यानंद, नित्यानंद- गौरांग दाऊ जी का भैया, कृष्ण कन्हैया, कृष्ण कन्हैया, दाऊ जी का भैया। आज 765 स्थानों से जप हो रहा है। अब हम जप चर्चा या आपसे वार्तालाप करेंगे। मदन गोपाल, तुम जप कर रहे हो ? तुम वृंदावन में हो या गांधी नगर, तुम्हे जप करते हुए देख प्रसन्नता हुई। वास्तव में हम आप सभी को जप करते हुए देखकर प्रसन्न होते हैं। जब हम आपको जप करते हुए देखते हैं तो हम सोचते भी हैं कि आप सब जप करते हो तो आप खुश होते हो, आपको खुश देख कर हम भी खुश होते हैं। इस प्रकार हम खुशियों को बांटते हैं। प्रसन्न चेहरों को देखकर हम भी प्रसन्न हो जाते हैं। मैं ऐसा सोच रहा हूं कि आज के जप चर्चा या संवाद के समय हम दो कार्य करेंगे। एक - मैं आपको भक्ति विनोद ठाकुर का गीत गाकर तो नहीं सुनाऊंगा, अपितु पढ़कर सुनाऊंगा और स्मरण दिलवाऊंगा। तत्पश्चात देखते हैं कि क्या क्या स्मरण आता है। वैसे स्मरण दिलवाने वाले श्रील भक्ति विनोद ठाकुर स्वयं ही हैं। एक बात और होगी, फिर बचे हुए या आधे समय में आपसे कुछ साक्षात्कार लिखवाना चाहते हैं। संभावना है और आशा है कि ये लॉकडाउन के कुछ अंतिम दिन हैं और आप लॉकडाउन से पूरे तो नहीं लेकिन काफी हद तक लगभग मुक्त होने वाले हो। वैसे यह जो जंक्चर है अर्थात लॉकडाउन और लॉक डाउन से जो मुक्ति का समय है, हम आपसे कुछ विचार लिखवाएंगे जैसे लॉक डाउन पीरियड कैसा रहा? आप इस पीरियड में क्या क्या सोच रहे थे? इस लॉक डाउन में आपने कुछ अतिरिक्त किया जो कि आप साधारणतया नहीं करते थे। आप लॉक डाउन के समय जो अधिक साधना सेवा या जप कर रहे थे, लॉक डाउन है या नहीं, बिना परवाह किए, उसमें से क्या क्या आप लॉक डाउन के उपरांत भी करते ही रहोगे। जैसे अब आपको अभ्यास हो गया है और वह आपकी आदत बन गई है। आपका यह चरित्र ही आपका जीवन बन गया है। लॉक डाउन की जय! लॉक डाउन से जो भी आपको फायदा हुआ, उसमें से कुछ बातें आप लॉक डाउन पीरियड के बाद भी करते ही रहने वाले हो, वे कौन सी बातें हैं? हम ऐसा संकल्प भी सुनना चाहते हैं कि आप पहले ऐसा नहीं करते थे लेकिन लॉक डाउन से ऐसा करना शुरू किया... जल्दी उठने लगे, अधिक जप किया.... अध्ययन भी किया .. ऐसी अलग अलग बातें.. जब उसका समय आएगा बता दिया जाएगा.. यह आपका गृह कार्य है। पहला कार्य प्रारंभ करते हैं। 823 स्थानों से भक्त जुड़ गए हैं। लोग संकीर्तन समूह (congregation) में भी जप कर रहे हैं। जितने अधिक भक्त होंगे, उन सबका स्वागत है। अधिक भक्त हैं तो अधिक आनंद है, अधिक लोकेशन से अधिक प्रतिभागियों का स्वागत है। मैं जिस गीत के बारे में सोच रहा था कि मैं आपको सुनाऊं, उस गीत का नाम वैष्णव भजन किताब में श्री नाम कीर्तन ही है और यहां यह गीत वैष्णव भजन पुस्तक में यशोमती नंदन... ऐसा भी नाम लिखा हुआ है। यह विशेष वैष्णव गीत है। हम सभी वैष्णवों को वैष्णव गीत भी गाने चाहिए, पढ़ने चाहिए, कंठस्थ करने चाहिए, गाने चाहिए, इसी को हम भजन और कीर्तन कहते हैं। हम कीर्तन को हरे कृष्ण महामंत्र का कीर्तन या नाम का कीर्तन, लीला का कीर्तन, रूप का कीर्तन... ऐसा भी समझते हैं। कीर्तन मतलब कीर्ति, जब हम भगवान की कीर्ति अर्थात यश का गान करते हैं, उसको कीर्तन कहते हैं। कीर्तन, गायन भी हो सकता है, कथा भी हो सकती है या प्रवचन भी हो सकता है लेकिन जब हम भजन कहते हैं तब वह गायन ही होता है। हरि! हरि! कुछ कथाकार, संगीतमय कथा भी करते हैं। वे कीर्तन भी करते हैं और साथ में भजन भी गाते हैं या फिर दोनों का संगम कीर्तन तथा कथा करते हैं अर्थात प्रवचन भी होता है और बीच-बीच में गाते भी रहते हैं। कभी भजन या कभी लीला कीर्तन गाते हैं। दो बातें एक भजन और एक कीर्तन। लेकिन यह भक्ति विनोद ठाकुर का वैष्णव गीत या भजन है। हम भजनानंदी भी हैं। वैष्णव कैसे होते हैं ?भजनानंदी होते हैं।वे भजन में आनंद लेते हैं। तत्पशचात गोष्ठी आनंद भी होना पड़ता है, तब वे कीर्तन और प्रवचन करते हैं। पहले भजनानंदी और फिर गोष्ठीनंदी। हरि! हरि! यशोमती- नंदन, व्रज-वर-नागर, गोकुल-रंजन कान गोपी-पराण-धन, मदन-मनोहर, कालिय-दमन- विधान।। अमल हरिनाम अमिय-विलास विपिन-पुरन्दर, नवीन नागर-वर, वंशी वदन सुवास।।ब्रज-जन-पालन, असूर-कुल-नाशन, नन्द-गोधन-रखवाला। गोविंद माधव, नवनीत-तस्कर, सुंदर नंद-गोपाला।।यामुना-तट-चर, गोपी-वसन-हर रास-रसिक, कृपामय। श्री राधा-वल्लभ,वृंदावन- नटवर, भक्ति विनोद आश्रय।। यह विशेष कीर्तन है, इस्कॉन का प्रसिद्ध कीर्तन है। आप सब जानते हो? गाते हो या नहीं?..( पूछते हुए) यह बड़ा मधुर कीर्तन है। इसका नाम ही श्रीनाम कीर्तन है। इस वैष्णव गीत में या इस भजन में भगवान के अलग-अलग नाम हैं इसलिए इसको नाम कीर्तन कहा गया है। इस वैष्णव भजन को श्री नाम कीर्तन कहा गया है। इस वैष्णव भजन में नाम ही नाम हैं। उसमें वर्णित हर नाम भगवान के कुछ गुणों का उल्लेख करता है। हर नाम या कुछ विशेष नाम भगवान की लीला का स्मरण दिलाते हैं। कुछ नाम भगवान के परिकरों का स्मरण दिलवाते हैं। जैसे यशोमती- नंदन - वे किसके नंदन हैं। यशोमती मैया के.. जिसमें दोनों अर्थात यशोदा भी है, उनका नंदन भी है, दोनों मिलकर यशोमती- नंदन हुआ। इसमें उनका वात्सल्य भाव भी दर्शाया गया है। यह वैष्णव गीत नाम कीर्तन है, भगवान का एक नाम यशोमती नंदन है। लेकिन जब हम यशोमती नंदन नाम कहते हैं तब यह नाम उससे संबंधित काफी सारी स्मरणीय बातों की याद दिलाता है। व्रज-वर-नागर- वे ब्रज के श्रेष्ठ नागर हैं, नगर के नागरिक होते हैं। कृष्ण ब्रज के श्रेष्ठ नागरिक या व्यक्ति हैं। जब हम वैष्णव गीत समझ के साथ गाते हैं तो अच्छा है या नहीं... हम गा तो रहे हैं लेकिन पता नहीं क्या गा रहे हैं।क्या कहा जा रहा है...? भक्ति विनोद ठाकुर जो इस गीत के रचयिता हैं, उनके भाव में उनके मन में या उनके हृदय प्रागंण में कुछ विशेष भाव उठे होंगे, वे उसी भावों को इस गीत के रूप में या अलग-अलग नाम के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। यदि हम इन गीतों या भजनों को समझ सकते हैं और समझ के साथ गाएंगे तब... अच्छा होगा( पूछते हुए...) या ऐसे ही गाएंगे, पता नहीं क्या गाएंगे.... तीसरा नाम हुआ- गोकुल-रंजन कान... यशोमती नंदन एक नाम और फिर दूसरा नाम व्रज-वर-नागर् हुआ। तीसरा नाम गोकुल रंजन कान.... गोकुल के निवासियों का रंजन करने वाले अथवा उनको रिझाने वाले। जैसे हम कहते हैं कि आज मनोरंजन कार्यक्रम होगा और आज एक कलाकार आएंगे। इसी प्रकार वृंदावन के सारे निवासियों को सारे निवासियों का रंजन करने वाले। कृष्ण सभी के साथ लेनदेन करते हैं। कृष्ण कन्हैया लाल की जय!कृष्ण कन्हैया लाल ऐसे है जो सारे ब्रज के निवासियों के साथ रंजन करते हैं। राधा माधव, कुंज बिहारी गोपीजन वल्लभ, गिरिवर्धारी यशोदा नंदन, ब्रज जन रंजन... वही बात यहाँ आ रही है, गोकुल रंजन... ऐसे हैं कृष्ण... इसमें कृष्ण की महिमा भी है गोकुल रंजन। चौथा नाम हुआ- गोपी-पराण-धन - वे कैसे हैं- गोपी पराण, उनको पराण क्यों कहा गया है। भजनों में से ऐसा चलता है, शब्द तो प्राण हैं लेकिन भजन में पराण कहा गया हैं। छंद जच रहा है। गोपी पराण धन नाम से प्रभुपाद के एक शिष्य और हमारे गुरु भ्राता भी रहे हैं वे बड़े विद्वान थे।हरि! हरि! गोपी पराण धन अर्थात वे गोपियों के पराण धन हैं। जैसे कि हम लोग गाते हैं राधा कृष्ण प्राण मोर....गोपी पराण धन अर्थात गोपियों के प्राण ही भगवान हैं। मदन मनोहर - भगवान कैसे हैं? मदन मनोहर। मदन कौन हैं ? कामदेव को मदन कहते हैं। मनोहर मतलब मन को मोहित करने वाले या मन को हरने वाले। वे किसके मन को हर लेते हैं? मदन मनोहर कामदेव के मन को भी हर लेते हैं। यह अच्छा है, मदन जब हम पर अपना प्रहार करने के लिए बाण लेकर आते हैं। उनके पास पुष्प बाण होता है जिसमें पांच बाण होते हैं- वो विशेषतया युवकों को घायल कर देता है। उसके साथ ही फिर गए काम से.. पूरे मोहित हो जाते हैं। काम का नशा, यदि हम इस मदन के प्रभाव से बचना चाहते हैं.... तो क्या करना चाहिए, हमारी सहायता कौन करेगा। मदन मोहन.. वो मनोहर उस मदन को अपनी और आकृष्ट करेंगे... मैंने कहा इधर आओ, भगवान वैसा करेंगे तो हम मुक्त हो गए। कालिय-दमन- विधान ( गाते हुए.. ) उन्होंने कालिया का क्या किया? दमन किया, कालिया का वध नहीं किया। वध अलग होता है। दमन अलग होता है। अमल हरिनाम अमिय-विलास- हरिनाम भगवान के सभी विलासों या लीलाओं से युक्त हैं। जब हम हरे कृष्ण हरे कृष्ण,कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम, हरे राम,राम राम हरे हरे।। कहते हैं, इस नाम के साथ लीला भी जुड़ी हुई है। नाम भगवान ही हैं तो लीला को कैसे अलग कर सकते हैं। अमल हरिनाम अमिय-विलास- सारी लीलाओं का उल्लेख व समावेश हो जाता है। सभी लीलाएं स्व युक्त हैं हरि नाम से। इसलिए हरिनाम को पूर्ण, नित्य, मुक्त, शुद्ध कहा जाता है। नाम पूर्ण भी है, इसमें लीला भी है, रूप भी है और गुण भी है। विपिन पुरंदर, नवीन नागर वर- यह गीत अनेक नामों से बना हुआ है और ये नाम भगवान की लीला, कुछ विशेष गुणों का उल्लेख करते हैं व भगवान के कुछ विशेष भक्तों और परिकरों का स्मरण दिलवाते हैं। विपिन पुरंदर .. विपिन अर्थात वन। वृंदावन के द्वादश कानन कहा जाए या वन कहा जाए, वे वहां के पुरंदर अर्थात स्वामी हैं, वहां के राजा या मालिक हैं। वंशी वदन सुवास - भगवान वंशी वदन के लिए प्रसिद्ध हैं। वास मतलब निवास भी होता है और अच्छे वस्त्र भी होते हैं। भगवान सुंदर वस्त्र या अच्छे वस्त्र भी पहनते हैं या भगवान को अच्छे वस्त्र पहनाए भी जाते हैं। मानो भगवान को अच्छे वस्त्र पहनाने के बाद उनकी फोटो खींचने वाले हैं या उनकी मूवी बनाई जाएगी। वे एक्टर हैं, नटवर नागर, भगवान मूवी अर्थात फ़िल्म में एक्ट करने वाले हैं या उनके फोटो खींचे जाएंगे। आप कैसे नटते हो, मराठी में नटना भी कहते हैं। भगवान अपनी ब्यूटीफुल ड्रेसिंग के लिए प्रसिद्ध हैं, इसे सुवास भी कहा जाता है। ब्रज जन पालन,असुर्-कुल-नाशन परित्राणाय साधुनाम विनाशाय च दुष्कृताम।धर्मसंस्थापनार्थायसम्भवामि युगे युगे।। ( श्रीमद भगवतगीता ४.८) अनुवाद:- भक्तों का उद्धार करने, दुष्टों का विनाश करने तथा धर्म की फिर से स्थापना करने के लिए मैं हर युग में प्रकट होता हूँ। भगवान ने जो बात भगवत गीता में बताई है, उसको ही भक्ति विनोद ठाकुर ब्रज जन पालन अर्थात परित्राणाय साधुनाम और असूर्-कुल-नाशन अर्थात विनाशाय च दुष्कृताम में कह रहे हैं। नंद-गोधन-रखवाला- नंद महाराज का धन कौन सा है- गोधन। नंद महाराज की गायें ही उनका धन है। नंद महाराज वैश्य समुदाय के मुखिया भी थे। तब सम्पति की गणना कैसे होती थी, जिसके पास अधिक खेत हैं, अधिक खान हैं या अधिक पुश व गाय हैं। जिसके पास सबसे अधिक पशु व गाय होती थी, वह सबसे अधिक धनी होता था। कन्हैया, नंद महाराज के धन की रखवाली करते थे। गोविंद माधव नवनीत तस्कर- सब एक एक नाम हैं। एक नाम गोविंद है- गोविंद अर्थात आह्लाद देने वाले। किसको आह्लाद देते हैं?( पूछते हुए) इंद्रियों को देते हैं और किसको ? गाय को देते हैं और किसको? धरती को देते हैं। गोविंद कहते ही ये सब संस्मरण हो जाते हैं। माधव - मा मतलब लक्ष्मी, धव मतलब पति अर्थात माधव मतलब लक्ष्मीपति। वृंदावन में लक्ष्मी कौन हैं? या महालक्ष्मी कौन हैं? राधा हैं। चिन्तामणिप्रकरसद्मसु कल्पवृक्ष लक्षावृतेषु सुरभीरभिपालयन्तम् लक्ष्मी सहस्रशतसम्भ्रमसेवयमानं गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥2॥ (ब्रह्म संहिता) अनुवाद:- वैकुंठ में केवल एक ही लक्ष्मी हैं लेकिन वृंदावन में लाखों-करोड़ों लक्ष्मियाँ हैं, उसमें भी फिर राधा रानी सर्वश्रेष्ठ हैं।राधा रानी की जय! माधव अर्थात राधा माधव।नवनीत तस्कर मतलब चोर। ये कैसे चोर हैं? यह नवनीत तस्कर अर्थात माखन चोर हैं। नवनीत तस्कर ये अलग-अलग नाम हैं। लेकिन ये भगवान की उस विशेष मधुर लीला का स्मरण दिलाता है। कहा तो नव नीत दो छोटे अक्षर हैं, लेकिन ये लीला कितनी बड़ी और मधुर है। आप कई दिनों तक इस माखन चोरी की लीला का वर्णन कर सकते हो, सुन सकते हो औऱ उसमें आनंद के गोते लगा सकते हो, केवल नाम से पता चलता है। एक एक नाम, एक- एक सूत्र बनता है। इसमें बहुत कुछ भरा हुआ है। नाम्नामकारि बहुधा निजसर्वशक्ति- स्तत्रार्पिता नियमितः स्मरणे न कालः। एतादृशी तव कृपा भगवन्ममापि दुर्दैवमीदृशमिहाजनि नाऽनुरागः॥ (श्री श्री शिक्षाष्टकम श्लोक संख्या 2) अनुवाद- हे भगवान्! आपका अकेला नाम ही जीवों का सब प्रकार से मंगल करने वाला है। कृष्ण, गोविन्द जैसे आपके लाखों नाम हैं। आपने इन अप्राकृत नामों में अपनी समस्त अप्राकृत शक्तियाँ अर्पित कर दी हैं। इन नामों का स्मरण और कीर्तन करने में देश-कालादि का कोई नियम भी नहीं है। प्रभो! आपने तो अपनी कृपा के कारण हमें भगवन्नाम के द्वारा अत्यन्त ही सरलता से भगवत्-प्राप्ति कर लेने में समर्थ बना दिया है, किन्तु मैं इतना दुर्भाग्यशाली हूँ कि आपके नाम में मेरा तनिक भी अनुराग नहीं है। भगवान ने अपने नामों में अपनी सारी शक्तियां भी भरी हुई हैं, अपने नामों में लीलाएं भी भरी हुई हैं। सुंदर नंद गोपाला - ऊपर यशोमती नंदन कहा था, यहाँ सुन्दर नंद नंदन कहा जा रहा है। नंद गोपाल अर्थात वह सुंदर भी हैं और नंद महाराज के पुत्र भी हैं और गोपाल भी हैं जैसा कि ऊपर नंदन गोधन गोपाला का वर्णन किया गया है। यमुना तट चर, गोपी वसन हर:- वे यमुना के तट पर विचरण करते हैं और गोपियों का वस्त्र हरण करते हैं। रास रसिक- ये सब अलग नाम हैं, आप नोट कर रहे हो ( पूछते हुए) नाम के बाद नाम .. इसलिए इसे श्री नाम संकीर्तन कहा गया है। रास रसिक:- ये रास के रसिक हैं, कृपालु हैं। श्री राधा बल्लभ - वे राधा बल्लभ हैं, राधा के स्वामी हैं, राधा के पति हैं। वृंदावन नटवर वृंदावन के बेस्ट एक्टर अर्थात नटवर हैं, एक तो वे नट हैं, कैसे नट हैं ? - नटवर। वर मतलब श्रेष्ठ। भक्तिविनोद आश्रय भक्ति विनोद ठाकुर ऐसे नाम वाले, ऐसी लीला खेलने वाले भगवान का आश्रय लेते हैं। पहला पार्ट पूरा हुआ। अब आप लिख सकते हो। जैसा कि मैंने आपको शुरुआत में बताया ही था कि क्या लिखना है। एक तो जब आप इस परिस्थिति में फंसे तब आप क्या सोच रहे थे ? आपने क्या क्या सोचा और आपने क्या क्या किया? आपके क्या विचार थे और हम आपके कुछ ऊंचे विचार भी सुनना चाहते हैं। संसार के बारे में आपने क्या सोचा? हरि! हरि! आपके विचार कैसे रहे ? आपने इस परिस्थिति का कैसा फायदा उठाया? आपने अतिरिक्त क्या क्या किया? आपने कैसे अपनी साधना भक्ति, जप, तप अध्ययन किया और आपने प्रचार भी कैसे बढ़ाया? क्या आपने इंटरनेट पर प्रचार किया? मुख्यतया तीन बातें हैं - आपके क्या विचार थे, आप क्या सोच रहे थे अर्थात इन दिनों में आप किन विचारों से प्रभावित थे। आप को संसार के प्रति दया आ रही थी या नहीं। यह सारा अनुभव करके सारांश रूप में लिखिए। क्या आपके मन में कुछ वैराग्य उत्पन्न हुआ कि यह दुनिया बेकार है, यहाँ से बाहर निकलना अच्छा है। क्या आपके दृष्टिकोण में कुछ अंतर आया? पहले आप संसार के बारे में क्या क्या सोच रहे थे और अब दुनिया बेकार है, चलो यहां से जल्दी निकल जाते हैं , कुछ इस तरह का। तीसरी बात - इन दिनों कुछ नई आदतें, अभ्यास जो कुछ भी कर पाए लगभग इन 2 महीनों में (दो महीने से चल ही रहा हैं ना... पूछते हुए) लगभग क्या पूरे दो महीने हो रहे हैं.. पहला लॉक डाउन,फिर द्वितीय लॉक डाउन तत्पश्चात तृतीय लॉकडाउन और अभी कल परसो से भिन्न प्रकार का लॉकडाउन होगा। पूरा तो मुक्त नहीं होगा। आप क्या करोगे? जो आपने एडिशनल करना प्रारंभ किया था - साधना, भक्ति, प्रचार। क्या आप उसे करते ही रहोगे? आपको अच्छा लगा यह करने में या अधिक जप करने में या जल्दी उठने में... यारे देख, तारे कह' कृष्ण' - उपदेश। आमार आज्ञाय गुरु हञा तार' एइ देश।। ( चैतन्य चरितामृत ७.१२८) इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन आपने कुछ प्रचार या सम्पर्क किया। आपने क्या किया? क्या आप पूरे संसार के लिए प्रार्थना कर रहे थे। हरि! हरि! आप क्या सोच रहे हो, हम सुनना चाहते हैं और पढ़ना चाहते हैं। आप शेयर भी करेंगे तो जितने भी सात आठ नौ सौ प्रतिभागी हैं, वे भी आपके विचार पढ़ेंगे। लाइक दैट शेयर दिस... आपको, आपके विचार केवल आप तक या अपने परिवार तक ही सीमित नहीं रखना है। सभी के साथ शेयर कीजिए। लिखिए कैसे रहे यह दिन, क्या सोच रहे थे और आपने क्या किया और आप क्या करते रहोगे? पहले तो औसतन लगभग 500 प्रतिभागी हुआ करते थे। एक दिन तो हजार हो गए थे। हाउसफुल हो गया था, ज़ूम कॉन्फ्रेंस की क्षमता 1000 ही है और भी ज्वाइन करना चाहते थे सारी सीट, सारा भरा हुआ था। कभी-कभी हम लोग 900 तक या 900 से ऊपर हो जाते थे। आठ सौ तो चल ही रहा था। जो पहले ज्वाइन नहीं करते थे अब जॉइन करते हैं, और इस जूम कॉन्फ्रेंस में जप करते हैं या यह जप चर्चा या कथा भी आपने सुनी। वह भी कैसा अनुभव रहा? आशा है कि आप इस कांफ्रेंस से जुड़े हो तो जुड़े रहोगे। मुक्त होके आप जुड़ जाते थे और जप करते थे, आप लॉकडाउन से तो मुक्त हो रहे हो लेकिन पुनः बंधन में नहीं फंसना। इतना व्यस्त नहीं होना कि आपके पास समय ना हो इस कॉन्फ्रेंस में जप करने के लिए या जप चर्चा सुनने के लिए। ऐसे ही कुछ संकल्प लो, कौन लिख रहा है, या अन्य भी लिख रहे हैं .. दोनों ही लिख रहे हैं। पंढरपुर से प्रह्लाद प्रभु भी लिख रहे हैं। एक, दो, तीन.. आठ बातें उन्होंने संक्षेप में लिखी हैं। बाकी लोग अपनी अपनी डायरी में लिख रहे हैं? लिख लिया? कुछ तो मन में ही लिख रहे हैं। आपके पास कुछ ही मिनट हैं। यथा संभव अंग्रेजी में लिखने का प्रयास कीजिए। हिंदी मराठी लिखते हो तो देवनागरी में टाइप कीजिए, पढ़ने और समझने में आसान होता है। इस लॉक डाउन पीरियड में मैंने प्रतिदिन 32 माला का जप किया। लॉक डाउन के बाद क्या करोगे, यह भी लिखो, 32 करते रहोगे या पुनः 16 तक पहुंच जायोगे। अधिक से अधिक जप करोगे कि या नहीं। कोई लिख रहा है कि धन तो नहीं कमाया लेकिन लॉक डाउन के समय कुछ कमाया जप करके कुछ फिक्स डिपाजिट बढ़ा दिए। कोई लिख रहा है कि दो अतिरिक्त राउंड्स करूंगा। प्रतिदिन 32 राउंड्स करने वाले... अर्चना माताजी के पांच छह पॉइंट्स है। अर्चना मूर्ति, श्याम सुंदर कृष्ण दास नासिक से उन्होंने भी मराठी में काफी लिखा है, अटेंडिंग नित्य भागवत सेवया सेशन... जल्दी करो। टाइम पूरा हो गयाहै। भगवान दर्शन दे रहे हैं। आप लिखते रहिए। यहाँ राधा पंढरीनाथ का दर्शन खुल रहा है।यहाँ पंढरपुर में श्रृंगार दर्शन प्रारंभ हो रहा है । आपका समय थोड़ा बढ़ा रहे हैं। आप अपने उत्तर या रिस्पांस अपने साक्षात्कार अपने अनुभव लॉक डाउन पीरियड के लिखिए कि आपने क्या किया और क्या क्या करते रहोगे। हरे कृष्णा!

English

16 May 2020 Meaning and comments on Yasomati Nandana (Nama Kirtana) Song Gauranga! Nityananda! Dauji ke bhaiya krsna kanhaiya Chanting is taking place from 765 locations. And now there will be a Japa talk or some discussion. I am happy to see you all chanting. When we see you chanting we are very pleased. We think that when you chant Hare Krishna then you become happy and we become happy by seeing your happy faces. In this way we share happiness. For today's Japa talk or Japa dialogue, I was thinking that we will do 2 things. One is about Srila Bhaktivinoda Thakur’s song which I will read and remind you of the pas-times of the Lord. Bhaktivinoda Thakur is reminding us. In the remaining time, I want you all to share your realizations. These are the last few days of lockdown. This is the juncture of the lockdown and getting free from lockdown. We will ask you to write down how your lockdown period was and about your sadhana in this period. What will you be continuing after lockdown? These things we want to hear from you. When the time comes we will ask you to do this homework. Now we will start the first one. We have 823 locations now. Now the number of devotees has increased. We are per-forming congregational chanting, so the more the merrier. Welcome. The official name of the song is Sri Nama Kirtana in a songbook or Yasomati Nandana. This is a very special song. We should know such songs or bhajans by heart. There are many types of kirtana. Singing the glories of Lord is kirtana. That kirtana might be a pravachan, katha or kirtana. But when there is bhajan it means singing. Few kathakars sing bhajans in be-tween the Katha. So there are two things bhajan and kirtana. This one is bhajana. Vaisnavas are Bhajananandi(takes pleasure in Bhajan). They do Bhajan and become Ghostianandi, they do kirtana and preach. This song is very famous in ISKCON. It is a very sweet kirtana. It is also called Nama Kirtana. In this song, there are different names of the Lord. Hence this Vaisnava song is called Sri Nama kirtana. Some names reflect the different qualities of the Lord. Some names remind us of the pastimes of the Lord. And some names remind us of the associates of the Lord like Yasomati Nandana. It means He is the son of Mother Yasoda. It shows vatsalya bhava. When we say Yasomati Nandana, we are reminded of so many other pastimes associated with this name. Braja-baro-nāgara Krsna is one of the greatest of residents of Vraja. It's good when we sing understanding the meaning. Srila Bhakti Vinoda Thakur is expressing various emotions while compos-ing these songs. Isn't it better to sing these songs understanding the meaning? Then he says gokula-rañjana He entertains all the residents of Vraja. Krsna deals with every resident and entertains them. He is one such person. The same thing is mentioned in Jaya Radha Madhava... vraja-jana-ranjana. Ranjana means He entertains. So here the glories of Krsna are also there. Then it is also mentioned as gopī-parāṇa-dhana. To match meter it's been said as parāṇa, instead of prana. gopī-parāṇa-dhana. Prabhu was also there who was a great scholarly disciple of Srila Prabhupada. He is the wealth of the lives of the gopis. madana-manohara He also steals the mind of cupid. This is good. When cupid comes then he has 5 arrows and it hurts, specifically the youths. If we want to save ourselves from the influence of cupid then we should take shelter of Madan Mohan. If the Lord asks cupid to come to Him then we are saved. kāliya-damana-vidhāna He didn't kill Kaliya, but just chastised and subdued him. amala harinām amiya-vilāsā When we say Hare Krishna, Hare Krishna then all pastimes are associated with it as the name itself is the Lord. We can't separate the pastimes. Hence Harinama is called com-plete. Harinama is filled with name, form, qualities, and pastimes of the Lord. vipina-purandara Every name has its features and it reminds us of the Lord and His associates. vipina-purandara means He is the owner of Vrindavan. baṁśī-badana suvāsā He is famous for playing the flute, He wears wonderful dresses. He is made to wear wonderful dresses. When one's photograph is to be taken then one dresses up and in the same way the Lord is famous for His meticulous dressing. braja-jana-pālana, asura-kula-nāśana paritranaya sadhunam vinasaya ca duskrtam dharma-samsthapanarthaya sambhavami yuge yuge Translation: In order to deliver the pious and to annihilate the miscreants, as well as to reestablish the principles of religion, I advent Myself millennium after millennium. [BG 4.8] Krsna is the protector of the inhabitants of Vraja; the destroyer of various demoniac dynasties. nanda-godhana-rākhowālā Krsna is the keeper and tender of Nanda Maharaja's cows. Cows are the wealth of Nanda Maharaja. Nanda Maharaja was the leader of the vaisya community. At that time those who had more cows and animals would be treated as rich. Krsna guarded the property of Nanda Maharaja. govinda mādhava Govind means He gives pleasure to cows, senses, and earth. As we say Govind every-thing gets unfolded. Ma means Laksmi dha means pati, Laksmi pati. In Vrindavan Lak-smi is Radha. In Vaikuntha, there is only one Laksmi. But In Vrindavan, there are mil-lions of Laksmis. navanīta-taskara He is a butter thief. All the names are reminding us of the pastimes of the Lord. We can hear these pastimes for many days. Just by a name, many things get revealed. It's just like sutra or formula. namnam akari bahudha nija-sarva-shaktis The Lord has invested all His potencies within His names. sundara nanda-gopālā He is beautiful and He is the son of Nanda Maharaja and He herds cows. yāmuna-taṭa-cara, gopī-basana-hara Krsna wanders along the banks of the River Yamuna. gopī-basana-hara He stole the garments of the young damsels of Vraja who were bathing there. Are you noting every name? rāsa-rasika, kṛpāmoya He delights in the mellows of the rasa dance; He is very merciful. śrī-rādhā-vallabha He is the husband of Radha. bṛndābana-naṭabara, bhakativinod-āśraya He is best amongst actors of Vrindavan and Bhakti Vinoda Thakur takes shelter of such a Lord. So devotees now you can write. One thing is that what your thoughts were during thing epidemic. What you thought about this world? How you increased your Japa, sadhana, and preaching during this lockdown? Three things are there: 1. Did you develop any renunciation about this world? 2. Did you think it is better to get out? 3. Did you do anything better in this 2-month lockdown? 4th lockdown of a different kind is approaching. So what will you keep on doing in it? Will you keep on doing yare dekha, tare kaha ‘krsna'-upadesa through the internet. Did you pray for the whole world? Indian leaders didn't pray to the Lord, neither did they ask others to pray. I noted this. This is the misfortune. This is my opinion. You can share it. You don't have to limit your thoughts to within your family, but you can it share now. Earlier only 500 participants used to be there. One day the number reached up to 1000. We get around 800-900 steadily. You heard the Japa talk or Japa Katha. I hope you were connected with this conference and will remain connected. Don't get busy in such a way that you won't be able to join the conference after lockdown is over. Hare Krishna

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Наставления после совместной джапа сессии 16 мая 2020. ЗНАЧЕНИЕ И КОММЕНТАРИИ К ПЕСНЕ ЯШОМАТИ НАНДАНА (НАМА КИРТАН). Гауранга! Нитьянанда! Дауджи ке бхайя кршна канхайя Воспевание происходит из 765 мест. А теперь будет разговор о джапе или обсуждение. Я рад видеть, что вы все воспеваете. Когда мы видим, что вы воспеваете, мы очень рады. Мы думаем, что когда вы воспеваете Харе Кришна, тогда вы становитесь счастливыми, и мы становимся счастливыми, видя ваши счастливые лица. Таким образом, мы делимся счастьем. На сегодняшнем разговоре о джапе или диалоге джапы я думал, что мы обсудим 2 вещи. Одна из них - песня Шрилы Бхактивиноды Тхакура, которую я прочитаю и напомню вам об играх Господа. Бхактивинода Тхакур напоминает нам об играх Господа. В оставшееся время я хочу, чтобы вы все поделились своими реализациями. Это последние несколько дней карантина. Это момент карантина и освобождения от карантина. Мы попросим вас записать время, которое вы были на карантине и вашу садхану в этот период. Что вы будете продолжать делать после карантина? Эти вещи мы хотим услышать от вас. Когда придет время, мы попросим вас сделать это домашнее задание. Теперь мы начнем сначала. К нам сейчас подключились преданные из 823 мест. Число преданных увеличилось. Мы проводим совместное воспевание, поэтому чем больше, тем лучше. Добро пожаловать. Официальное название песни - Шри Нама Киртан в сборнике песен или Яшомати Нандана. Это очень особенная песня. Мы должны знать такие песни или бхаджаны наизусть. Есть много видов киртана. Воспевание славы Господа - это киртан. Этот киртан может быть правачаном, катхой или киртаном. Но когда есть бхаджан, это означает воспевание. Некоторые ведущие катхи воспевают бхаджаны между катхой. Итак, есть две вещи, бхаджан и киртан. Это бхаджан. 1 йашомати-нандана, враджа-вара-нагара, гокула-ранджана кана гопи-парана-дхана, мадана-манохара, калийа-дамана-видхана (Шри Кришна — любимый сын матери Яшоды, трансцендентный возлюбленный земли Враджа! Он Тот, Кто приводит в восхищение Гокулу! Одно из Его имен — Кана. Он жизнь и душа гопи. Он очаровывает самого Купидона и побеждает змея Калию!) 2 амала харинам амийа-виласа випина-пурандара, навина нагара-вара, вамши-вадана суваса (Святые имена Кришны безупречны, исполнены сладости и красоты! Кришна — царь лесов Вриндавана! Он вечно юн и великолепен! Он — достойнейший из всех возлюбленных! Он играет сладостные мелодии на Своей флейте.) 3 браджа-джана-палана, асура-кула-нашана, нанда-годхана-ракховала говинда мадхава, наванита-таскара, сундара нанда-гопала (Кришна заботится о жителях Вриндавана и побеждает демонов. Он пасет коров и известен как Говинда — Тот, Кто приносит радость коровам и удовлетворяет чувства! Он известен как Мадхава, супруг богини удачи. Кришна, прекрасный пастушок, сын Нанды Махараджа, очень любит воровать масло у гопи!) 4 джамуна-тата-чара, гопи-васана-хара, раса-расика, крипамойа шри-радха-валлабха, бриндабана-натабара, бхакативинод-ашрайа (Гуляя по берегам реки Ямуны, Кришна похищает одежды купающихся юных гопи. Он наслаждается сладостью танца раса. Он очень милостив! Кришна — единственный возлюбленный Шримати Радхарани! Он самый лучший танцор Вриндавана и высочайшее прибежище Шрилы Бхактивинода Тхакура!) Вайшнавы - это бхаджанананди (получают удовольствие от бхаджана). Они проводят бхаджаны и становятся гоштйананди, они проводят киртан и проповедуют. Эта песня очень известна в ИСККОН. Это очень сладкий киртан. Его также называют нама киртан. В этой песне есть разные имена Господа. Поэтому, эта вайшнавская песня называется Шри Нама киртан. Некоторые имена отражают различные качества Господа. Некоторые имена напоминают нам об играх Господа. И некоторые имена напоминают нам о спутниках Господа, таких как Яшомати Нандана. Это значит, что он сын матери Яшоды. Это показывает ватсалья бхаву. Когда мы говорим йашомати-нандана, мы вспоминаем множество других игр, связанных с этим именем. враджа-вара-нагара Кришна величайший житель Враджи. Хорошо, когда мы воспеваем, понимая смысл. Шрила Бхактивинода Тхакур выражает различные эмоции, воспевая эти песни. Не лучше ли воспевать эти песни, понимая смысл? Затем он говорит гокула-ранджана кана Он развлекает всех жителей Враджа. Кришна общается с каждым жителем и развлекает их. Он единственная такая Личность. То же самое упоминается в Джая Радхе Мадхаве... враджа-джана-ранжана. Ранджана означает, что Он развлекает. Итак, здесь также воспевается слава Кришне. Здесь также упоминается гопи-парана-дхана. Чтобы соответствовать размеру строки, было сказано парана, а не прана. гопи-ПАРАНА-дхана. Он - сокровище жизни гопи. мадана-манохара Он крадет разум купидона. Это хорошо. Когда приходит купидон, он приносит с собой 5 стрел, которые больно ранят, особенно в юном возрасте. Если мы хотим уберечь себя от влияния Купидона, мы должны принять прибежище у Мадана Мохана. Если Господь позовет Купидона прийти к Нему, тогда мы спасены. калийа-дамана-видхана Он не убивал Калию, а только наказывал и покорял его. амала харинам амийа-виласа Когда мы говорим Харе Кришна, Харе Кришна, это включает в себя все игры связаные с Ним, поскольку имя это Сам Господь. Мы не можем разделить Господа и Его лилы. Следовательно, харинама содержит все. Харинама наполнена именем, формой, качествами и играми Господа. випина-пурандара Каждое имя имеет свои особенности, и оно напоминает нам о Господе и Его спутниках. випина-пурандара означает, что он владелец Вриндавана. вамши-вадана суваса Он славится игрой на флейте, носит прекрасные одежды. Он создан, чтобы носить прекрасные одежды. Когда нужно сфотографироваться, человек очень тщательно подбирает одежду, и таким же образом Господь славится Своей изысканной одеждой. браджа-джана-палана, асура-кула-нашана паритранайа садхунам винашайа ча душкр̣там дхарма-самстхапанартхайа самбхавами йуге йуге Перевод Шрилы Прабхупады: Чтобы освободить праведников и уничтожить злодеев, а также восстановить устои религии, Я прихожу сюда из века в век. (Б.Г. 4.8) Кришна защитник жителей Враджа; разрушитель различных демонических династий. нанда-годхана-ракховала Кришна - хранитель и защитник коров Махараджи Нанды. Коровы - это богатство Махараджи Нанды. Нанда Махарадж был главой общины вайшьев. В то время те, у кого было больше коров и животных, считались богатыми. Кришна охранял имущество Махараджи Нанды. говинда мадхава Говинда означает, что Он доставляет удовольствие коровам, чувствам и заботится о земле. Когда мы говорим, Говинда все раскрывается. Ма означает Лакшми дха означает пати, Лакшми пати. Во Вриндаване Лакшми - это Радха. На Вайкунтхе есть только одна Лакшми. Но во Вриндаване миллионы Лакшми. наванита-таскара Он воришка масла. Все имена напоминают нам об играх Господа. Мы можем слушать эти игры в течение многих дней. Из одного имени раскрывается множество вещей. Это как сутра или формула. намнам акари бахудха ниджа-сарва-шактис Господь вложил все Свои энергии в Свои имена. сундара нанда-гопала Он прекрасен, Он сын Махараджи Нанды, Он пасет коров. Джамуна-тата-чара Кришна гуляет по берегам реки Ямуны. гопи-васана-хара Он крадет одежду молодых девушек Враджи, которые там купаются. Вы запоминаете каждое имя? раса-расика, крипамойа Он наслаждается вкусом танца раса; Он очень милостив. шри-радха-валлабха Он супруг Радхи. бриндабана-натабара, бхакативинод-ашрайа Он лучший среди героев Вриндавана, и Бхакти Винода Тхакур принимает прибежище у такого Господа. Итак, преданные теперь вы можете написать о своих реализациях во время карантина. Первая вещь в том, какие ваши мысли были во время эпидемии. Что вы думаете об этом мире? Как вы улучшили свою джапу, садхану и проповедь во время этого карантина? Есть три вещи: Вы развили отречение от этого мира? Вы думали, что продолжите делать лучше, когда выйдите из карантина? Что в вашей практике улучшилось в этом 2х-месячном карантине? Если наступит любой карантин. Что вы будете делать при этом? Будете ли вы продолжать делать йаре деха, таре каха ‘кршна'-упадеша через Интернет. Молились ли вы за весь мир? Индийские лидеры не молились Господу и не просили других молиться. Я заметил это. Это несчастье. Это мое мнение. Вы можете делиться этим. Вам не нужно думать только о своей семье, вы можете делиться этим сейчас со всеми. Раньше в конференции было только 500 участников. Однажды число достигло 1000. Мы постоянно видим около 800-900 участников. Вы слушаете разговор о джапе или джапа катху. Я надеюсь, что вы были связаны с этой конференцией и останетесь на связи. Не думайте, что вы не сможете присоединиться к конференции после завершения карантина. Харе Кришна! (Перевод Кришна Намадхан дас)