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*जप चर्चा- 27 -10-2021* *वृन्दावन धाम से* हरे कृष्ण आज 932 स्थानों से भक्त जप में सम्मिलित हैं। वेलकम ईच वन ऑफ यू ! जय गिरिराज धरण की जय ! तो ब्रज मंडल परिक्रमा, परिक्रमा के साथ आप हो। यू आर फॉलोइंग ब्रज मंडल परिक्रमा ? प्रतिदिन आपको पता होना चाहिए कि आज परिक्रमा कहां पहुंची या आज कौन सी यात्रा हो रही है आज कहां पड़ाव है या इस वक्त ब्रजमंडल परिक्रमा कहां होगी , इस वक़्त गोवर्धन की परिक्रमा चल रही है। स्टार्ट एवरी मॉर्निंग या फिर आधी मंगला आरती में ही शुरु कर देते हैं। तुलसी आरती की परिक्रमा के मार्ग पर ही होती है या जाते-जाते गोवर्धन के परिक्रमा मार्ग पर ही करते हैं। कृष्ण बलराम मंदिर से जब परिक्रमा प्रारंभ हुई पदमाली आर यू देयर ? तो आज की कथा में मैं भी दो शब्द कहूंगा लेकिन मेरा विचार है कि हमारे टेंपल डिवोटीस सोलापुर पंढरपुर नागपुर हेयर एंड देयर नोएडा टेंपल डिवोटीस ब्रह्मचारी वे कुछ कथा करें। आज पदमाली आर यू देयर रेस्पॉन्ड लाइन उप कंमांड , आई विल से फ्यू वर्ड्स थेन फ्यू मिनट्स ईच , गोवर्धन कथा माहात्म्य जो जो मंदिर के भक्त सुन रहे हैं। हर मंदिर से एक एक या दो दो भक्त सुना सकते हैं या कल्पना करो कि आप परिक्रमा के साथ हो और परिक्रमा कर रहे हो और फिर आपको स्फूर्ति आ रही है। यू आर गेटिंग इंस्पायर्ड फॉर दिस एंड डेट। गोवर्धन के संबंध के कई सारे टॉपिक्स हैं और कई सारे दृष्टिकोण हैं लीलाएं हैं महिमा है लीला स्थलियां हैं या कई सारे जिसमें चैतन्य महाप्रभु ने क्यों की गोवर्धन परिक्रमा और माधवेंद्र पुरी परिक्रमा करते थे गोविंद कुंड के तट पर। एक समय जब परिक्रमा कर रहे हैं तब फिर क्या हुआ, उन्हीं के नाम से जतिपुरा नाम का जो गांव आता है तो यह माधवेंद्र पुरी का ही नाम है यति मतलब सन्यासी, तो वे सन्यासी माधवेंद्र पुरी है माधवेंद्र पुरी महाशय की जय ! हमारे संप्रदाय के प्रथम आचार्य गौड़ीय वैष्णव आचार्य एनीवे या सनातन गोस्वामी या ब्रह्म नाथ दास गोस्वामी को 40 वर्ष राधा कुंड के तट पर रहे और इस तरह मैं आप को कह रहा हूं कि कई सारे अनलिमिटेड टॉपिक्स हैं। कई सारे विषय हैं। चर्चा के विषय हैं कथा के विषय गिरिराज के संबंधित , सो रेज योर हैंड्स, यह सब पदमाली प्रभु भी कह सकते थे किंतु मैं ही सब कह रहा हूं। मंदिर वाले भक्तों ब्रम्ह्चारियों फुल टाइम डेवोटीज़ यदि आप मुझे सुन रहे हो या इस समय हमारे साथ हो या आपका साथ है। ओके अद्वैत आचार्य इज़ वन ऑफ देम , इस तरह और भी तैयार हो जाओ कुछ लीला कथा सुनाओ हम सबको, गिरिराज की प्रसन्नता के लिए हरि हरि ! इस प्रकार कार्तिक में ब्रज मंडल परिक्रमा को आधार बनाते हुए हम ब्रज में वास कर सकते हैं। यह टॉपिक मिल सकता है एक चिंतन का स्मरण का या श्रवण कीर्तन का, परिक्रमा को फॉलो करो ,परिक्रमा का शेड्यूल आपके पास होना चाहिए और वर्चुअल परिक्रमा को देखते रहो , सुनते रहो, ब्रजमंडल दर्शन ग्रंथ को पढ़ते रहो ,पढ़ते हो आप ? एनी बडी रीडिंग?चिंतामणि धाम आर यू रीडिंग? ओके चैतन्य इज़ रीडिंग। उसको पढ़ो विद फैमिली एंड फ्रेंड्स विद मूड , ब्रज मंडल का वृंदावन का, वी हैव गोट योर हैंड्स, तो इन भक्तों को सुनिए उनके साक्षात्कार या उनके अनुभव कहो उनकी कही हुई गौरव गाथा जय गिरिराज ! ओके पदमाली कोऑर्डिनेट देम ठीक है, आप को सुनते सुनते फिर बोलते भी जाना है यह भी सीखना है और फिर मैंने एक दो बार कहा भी था कि बोलने का केवल मैंने ही ठेका नहीं लिया है आपको भी इसीलिए हम सुनाते रहते हैं ताकि आप बोलना प्रारंभ करोगे और ऐसा बोलना प्रारंभ हो करोगे ताकि संसार भर की जो बकबक हम करते ही रहते हैं वह बकबक बंद हो जाएगी वह बकवास की बातें हैं। अतः कृष्ण की बातें कहना सीखो। उसको बोधयन्तः परस्परम् कहा है *मच्चित्ता मद्गतप्राणा बोधयन्तः परस्परम् | कथयन्तश्र्च मां नित्यं तुष्यन्ति च रमन्ति च ||* ( श्रीमद्भगवद्गीता 10.9) अनुवाद- मेरे शुद्ध भक्तों के विचार मुझमें वास करते हैं, उनके जीवन मेरी सेवा में अर्पित रहते हैं और वे एक दूसरे को ज्ञान प्रदान करते तथा मेरे विषय में बातें करते हुए परम सन्तोष तथा आनन्द का अनुभव करते हैं | कृष्ण ने भी कहा है मेरे भक्त क्या करते हैं ? वह बोधयन्तः परस्परम् या रूप गोस्वामी ने क्या कहा, *ददाति प्रतिगृह्णाति गुह्ममाख्याति पृष्छति । भुड.कते भोजयते चैव षडविधम प्रीति- लक्षणं ॥* ( उपदेशामृत-4) अनुवाद- दान में उपहार देना, दान-स्वरूप उपहार स्वीकार करना, विश्वास में आकर अपने मन की बातें प्रकट करना, गोपनीय ढंग से पूछना, प्रसाद ग्रहण करना तथा प्रसाद अर्पित करना - भक्तों के आपस में प्रेमपूर्ण व्यवहार के ये छह लक्षण हैं। यह प्रीति का लक्षण है या भक्त क्या करते हैं ? गुह्ममाख्याति पृष्छति , कुछ कहते हैं और पूछते भी हैं सुनते भी हैं तो ठीक है ओवर टू यू ऑल स्पीकर्स। हरे कृष्ण ! गौर प्रेमानन्दे !

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