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हरे कृष्ण, 30 अक्टूबर 2020 पंढरपुर धाम 827 स्थानों से जप भक्त जप के लिए जुड़ गए हैं। गौर प्रेमानंदे हरि हरि बोल! दामोदर मास की जय! कार्तिक मास की जय हो! कार्तिक मास आरंभ हो रहा है। यह एक विशेष मास दामोदर मास, कार्तिक मास अलग-अलग नाम है। हरि हरि, बढ़िया है या बहुत ही अच्छा है, वृंदावन में पहुंच कर, बृजवासी बन कर, वृंदावन वासी बनकर यह साधना भक्ति करें। वैसे ही लक्ष्य ही होना चाहिए जीवन का। एक समय, एक समय इस मंत्र में सिद्धि प्राप्त होगी मंत्र सिद्धि। हरे कृष्ण हरे कृष्ण मंत्र का जप हम साधना करते हैं तो, सिद्धि प्राप्त होगी, तो पहुंच जाएंगे वृंदावन और सदा के लिए रहेंगे वृंदावन में। भक्ति यत्र नृत्य किचः वंदावन में भक्ति सदा के लिए नृत्य करती हैं। भक्ति ही भक्ति है। वहां का जीवन भक्तिमय है। जिसको हम लोग कृष्णभावनाभावित जीवन कहते हैं। यह एक लक्ष्य ही है या उस साधना के अंतर्गत, एक साधना में साधना सिद्ध होना लक्ष्य है। और दूसरा हम साधक हैं तो, साधकों के लिए भी शास्त्रों में पद्म पुराण या श्रील रूप गोस्वामी भक्तिरसामृतसिंधु विशेष सिफारिश की गई है कि, हम वृंदावन में पहुंचकर कार्तिक मास करें। कार्तिक मास का व्रत करें। उस समय 1972 में श्रील प्रभुपाद इतने व्यस्त श्रील प्रभुपाद परिभ्रमण कर रहे थे पूरे विश्व का। वह सब छोड़ छाड़ के वृंदावन के और दौड़े वृंदावन पहुंच कर पूरे कार्तिक मास मेंं वह वृंदावन में रहे। और फिर उस वक्त मुझे भी अवसर प्राप्त हुआ था। श्रील प्रभुपाद के संग का सानिध्य का। श्रील प्रभुपाद से श्रवण कीर्तन करने का। उसी के साथ श्रील प्रभुपाद ने एक आदर्श रखा। कार्तिक व्रत संपन्न करने का आदर्श कहिए। और फिर वैसे हर वर्ष पिछले 34 वर्षोंं से मैं भी वृंदावन में रहता था कार्तिक मास में। और हम लोग ब्रज मंडल परिक्रमा करते थे। किंतु दुर्दैव से ऐसी परिस्थिति धमकी है। अब वहां नहीं जा रहे हैं। नहीं जा पा रहे हैं। आप में से भी अधिक तक नहीं जा पाओगे। तो फिर आप जहां कहीं भी हो, वहीं रहकर या उसी स्थान को वृंदावन बनाकर, घर का मंदिर बना कर, या फिर मंदिर में ही रहते हैं हरे कृष्णा कैंपस में तो उसी को बनाईए बृंदावन। और रहिए वृंदावन में कार्तिक मास में। और साधना कीजिए कार्तिक व्रत को संपन्न कीजिए। हरि हरि यह भक्ति देने वाला महीना है। या पर्व है या मुहूर्त है, भक्ति देने वाला। भक्ति का वर्धन होगा। भक्ती बढ़ेगी। भक्ति का एक लक्षण है, कृष्णाकर्षिनी। कृष्ण को आकृष्ट करती है यह भक्ति। कृष्ण आकृष्ट होते जाते हैं उस भक्त से और भक्त भी तो हो ही रहा है आकृष्ट भगवान की ओर। और फिर एक योग होता है मिलन होता है, भक्त और भगवान का। भक्ति से भक्त का भगवान के साथ संबंध प्रस्थापित हो जाता है। यह भक्ति बढेगी कार्तिक मास में की गई साधना से या फिर अधिक साधना से। जब 1972 में हम पहुंचे थे वृंदावन। कार्तिक मास में और भी कुछ शिष्य थे 30 40 शिष्य थे। उस समय तब प्रभुपाद से पूछा था। यह जो कार्तिक मास आया है ना इससे ऊर्जा व्रत भी कहते हैं। यह राधा रानी का महीना है। व्रत है या उर्जा व्रत है। ऊर्जा मतलब शक्ति। और कौन सी शक्ति? यह आल्हादिनी शक्ति, भगवान कोअल्हाद देने वाली शक्ति का यह व्रत है। यह कार्तिक दामोदर व्रत है। साथ साथ और उर्जा व्रत राधारानी का भी व्रत है। राधा दामोदर की जय! मुझे ऐसे लगता है। 1972 में जब हम राधा दामोदर मंदिर में ही पूरा दिन हम रहते थे। हम रहने के लिए वहां नहीं थे। प्रभुपाद ने हमारे रहने की व्यवस्था केशी घाट मैं की थी। केशी घाट में वहां एक राजा का महल है। हमारे रहने की व्यवस्था वहां की गई थी। क्यों? क्योंकि वह जमुना के तट पर है। जमुना में हम डुबकी लगाते थे प्रतिदिन। प्रभुपाद को हम लोगों ने पूछा था, कि हम क्या करें दामोदर मास में? श्रील प्रभुपाद ने कहा था कि, दिन-रात हरे कृष्ण का जप करो। ना खाना ना सोना सिर्फ जप करो। हरि हरि, ना खाना ना सोना बस 24 घंटे जप करो। मतलब जरूर अधिक जप करने के लिए प्रेरित कर रहे थे। हम से 24 घंटे अहर्निश तो नहीं होगा या वह तो नाम आचार्य श्रील हरिदास ठाकुर ही कर सकते हैं। जप जरूर बढ़ाना चाहिए ऐसा तो समझ में आ ही रहा था श्रील प्रभुपाद के वचन से। हरि हरि। दामोदर अष्टक का गान और साथ में दीपदान दामोदर को, दीपदन करना है और श्रवण कीर्तन को बढ़ाना है। आपकी सेवा में ही कहिए हमारा जो ब्रज मंडल परिक्रमा का व्यवस्थापन है तो उनकी ओर से या पदयात्रा मिनिस्ट्री के और से कहिए एक प्रेजेंटेशन बनाया जा रहा है या कुछ बन चुका है। ताकि आप घर बैठे बैठे उसे देख सके। बैठे हो घर में जब उसको आप देखोगे ऑडियो विजुअल प्रस्तुति वर्चुअल परिक्रमा ऑनलाइन ब्रज मंडल परिक्रमा तो आप घर बैठे बैठे उसको देख सकोगे जैसे भी अब देखो गे सुनोगे ऑडियो विजुअल, तो आप वह दृश्य, वह दर्शन, वह श्रवण कीर्तन, कीर्तन भी होंगे, भजन भी सुनाए जाएंगे, कथाएं होंगी। वृंदावन के कई सारे विग्रहो का दर्शन आप कर पाओगे, कुंडों का दर्शन करोगे, यमुना मैया की जय कम से कम मानसिक स्नान भी कर सकते हो। तो सारे ब्रज चौरासी कोस की यात्रा होगी। केशी घाट वंशीवट द्वादश कानन जहां सब लीला कई लो श्री नंदनंदन तो द्वादश कानन बारा वनों की यात्रा होगी। कार्तिक व्रत के अंतर्गत इस व्रत को भी अपनाइए, इस साधना को भी अपनाइए। आप कार्तिक मास में प्रतिदिन वर्चुअल ऑनलाइन परिक्रमा से जुड़ जाइए देखिए सुनिए इसे भी आपका कार्तिक व्रत बढ़िया से संपन्न होगा। इसके संबंध में कुछ ही देर में दिनानुकंपा माताजी और अकिंचन भक्त प्रभु जी आपको जानकारी देने वाले हैं, आप कैसे इस से जुड़ सकते हो कुछ ही मिनटों में। वैसे आप औरों को भी कुछ नए नए लोगों को भी जोड़ सकते हो कृष्ण भावना से जोड़िए या उनसे भी करवाइए कुछ कार्तिक व्रत का पालन। आपके इष्ट मित्र, कलीग्स, पड़ोसी उनको भी प्रेरित कीजिए ताकि वह भी देखें और जुड़ जाए इस परिक्रमा से ब्रजमंडल ऑनलाइन परिक्रमा को और वे भी दीप दान करें दामोदर को। हरे कृष्ण महामंत्र सिखाइए उनको, उनसे बुलवाइये, हरे कृष्ण महामंत्र का कीर्तन करते हुए दीप दान करवाइए और यह करते समय आप वीडियो ले सकते हो। या पहले उन्होंने सिर्फ महामंत्र ही कहा था और आपने उनका वीडियो खींचा था उनको भाग्यवान बनाया था और इस समय उनसे महामंत्र भी बुलवाइए और साथ-साथ दीपदान भी करवाइए और उसका वीडियो बनवाइये। इस अभियान इस प्रतियोगिता का कंपटीशन भी हो सकता है या होगा ही। हरि हरि। इसके बारे में और भी कहेंगे, लेकिन बहुत कुछ कह दिया तो उस पर विचार कीजिए। जुम पर भक्तों को संबोधित करते हुए गुरु महाराज कह रहे हैं हां बजरंगी प्रभु संभव है हां क्यों नहीं निष्ठावान प्रभु भुवनेश्वर से और उज्वला गोपी माताजी औरो से जप करवाइए और दीप दान करवाइए। आप सभी थोड़ा औरों का भी कल्याण कीजिए, केवल भजनानंदी नहीं होना है क्या होना है हमको गोष्टीआनंदी बनना है। केवल अपने स्वार्थ का ही सोचना नहीं है परमार्थ करना है औरों का भी कैसे कल्याण हो और यही है भारत भूमिते हइला मनुष्य जन्म यार। जन्म सार्थक करी कर पर-उपकार।। (च. च. आदि 9.41) यह परोपकार का कार्य है। औरों को कृष्ण दीजिए उनके नाम के रूप में, इस दीपदान की सेवा के रूप में। ठीक है, हम यही रुकेंगे। हरे कृष्ण।

English

30 OCTOBER 2020 STAY IN VRINDAVAN DHĀMA! Hare Krsna! Devotees from 827 locations are chanting with us. Gaura premanande Hari Hari bol! Dāmodar māsa ki jai! Kārtika vrat ki jai! The Holy Kārtika month is starting from tomorrow. It is a very important month for the devotees. We must practice sincere devotional service in Holy Vrindavan Dhāma in this Kārtika month. It is the aim of life to stay in Vrindavan forever after attaining perfection in Hare Krsna Mahā-mantra. Vrindavanasya Sanyogat Punastvam Taruni Nava, Dhanyam Vrindavanam Tena Bhaktirnrityati Yatra Cha TRANSLATION Shri Narad Ji says, O Bhakti Devi, You are really blessed! Upon reaching Vrindavan, you have become a young girl. Here at Vrindavan, Bhakti is dancing at every lane, every house, every tree and every creeper i.e everywhere. (Padma Purāna, Bhāgawat Mahatmya 1.61) Vrindavan is the place where Bhakti Devi Dances. Bhakti means Krishna Consciousness life. It is recommended in Padma Purāna and the Nectar of Devotion book of Śrīla Rupa Goswami that we must practice devotional service in Holy Vrindavan Dhāma during Kārtika month. Śrīla Prabhupāda was having a very busy schedule preaching around the world in 1972, still in the month of Kārtika, he came to Vrindavan and stayed there for the full month. I also got the opportunity to stay with Śrīla Prabhupāda that time. Śrīla Prabhupāda started this Vrindavan Festival in Kārtika month. I have also been doing the same for the past 34 years and doing Vraja Mandala parikrama. However, unfortunately this year the scenario is different. I am not going to go to Vrindavan this time. Many of you also will not be going to Vrindavan because of the prevailing scenario. But you can practice sincere devotional service wherever you are. Make your house Vrindavan and then stay in Vrindavan during Kārtika month. Kārtika month is Bhakti giver. This month enhances Bhakti and Bhakti attracts Krsna. Therefore, Bhakti establishes an eternal relationship between the devotee and the Lord. In 1972, when I went to Vrindavan with Śrīla Prabhupāda in Kārtika month, we used to spend the day in Radha Dāmodar temple and stayed at Keśī Ghāta arranged by Śrīla Prabhupāda. Kārtika month is also called Dāmodar month. Also the 'Urja Vrat' is observed in this month, the energy giver, as this is also Radharani's month (Alahdini energy of Krsna). When we asked Śrīla Prabhupāda, "What should we do in this Kārtika month?" he replied, "You must chant Hare Krsna day and night. No eating and no sleeping. Just chant." Only Nāmācārya Śrīla Haridāsa Thākura can chant 24 hours. However, we must try to increase Japa. Offering of ghee lamps to yashoda Dāmodar singing Damodaraśtak is also done in this month. The Vraja Mandala parikrama administration is making a presentation. This will enable you to do Vraja Mandala parikrama virtually sitting at home. You will be able to get darshans of different deities of Vraja, classes by various senior devotees, bhajans and kīrtans. You can do Mansik snāna - mentally. kesi-ghata, bamsi-bata, dwadasa-kanan jaha saba lila koilo sri-nanda-nandan TRANSLATION All glories to Kesi-ghata, where Krishna killed the Kesi demon. All glories to the Vamsi-vata tree, where Krishna attracted all the gopis to come by playing His flute. Glories to all of the twelve forests of Vraja. At these places the son of Nanda, Sri Krishna, performed all of His pastimes. (3rd verse, jaya radhe, jaya krishna, Sri Vraja-dhama-mahimamrita) You will be virtually taken to all the 12 forests of Vrindavan. You must join daily and attend the virtual parikrama to successfully complete Kārtika vrat. Dinanukampa mataji and Akinchana Bhakta prabhu shall be giving you all the information regarding the details of this virtual Vraja Mandala Parikrama in a few minutes from now. You must attend daily and you may encourage others also to join virtual parikrama and perform deep daan to Yashoda Dāmodar. Teach them Hare Krsna kīrtana. Even new people can be encouraged to attend this Pilgrimage trip to the 12 forests of Vrindavan. The Fortunate people Campaign can also be started again. You may approach people to offer lamps to Yashoda Dāmodar and chant Hare Krsna in this Kārtika month. You may take a video of people doing this. This would be a competition again. All of you should enthusiastically participate in this. We are not supposed to be concerned about our Sadhana alone, we should be preachers. bhārata-bhūmite haila manuṣya janma yāra janma sārthaka kari’ kara para-upakāra TRANSLATION One who has taken his birth as a human being in the land of India [Bhārata-varṣa] should make his life successful and work for the benefit of all other people. (CC Ādi 9.41) Caitanya Mahāprabhu said that we must not be selfish, instead we must work for the welfare of people. Therefore, take this to more and more people. Give Krsna to others in the form of His name and service of deep daan. Hare Krsna!

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