*हरे कृष्ण*
*जप चर्चा-०१/०७/२०२२*
*परम पूज्य लोकनाथ स्वामी महाराज*
जगन्नाथ अष्टक में कहा है।
*जगन्नाथ स्वामी नयन पथ गमी भव तुमि*
मेरे नयनो के पथ में आइये हे जगन्नाथ दर्शन दीजिये।
भगवान प्रसन्न होकर हमें दर्शन दिए।
रथ यात्रा के दिन थोड़े समय के लिए मैं जप करने वाला हु फिर कुछ भक्त करेंगे।
आज जगन्नाथ पूरी में रथ यात्रा हो रही है। आपको और अधिक महत्वपूर्ण बाते सुनाई जाएगी तो बने रहिये।
हरी हरी
जगनाथ रथ यात्रा महोत्सव मतलब आज के दिन भगवान और भक्त के मिलान का समय है। कल के दिन था नेत्रोत्सव। भगवान बीमार थे तो कल दर्शन दिया। आज के दिन रथ यात्रा का दिन बड़े ही हर्ष उल्हास का दिन है गौडिया वैषणव इस उत्सव को जानते है भली भाती। श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु रथ यात्रा में प्रति वर्ष जुड़ते थे। श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु दूसरे सेंटर में जुड़ते थे । चैतन्य चरितामृत में रथ यात्रा के इतिहास, भक्ति, प्रेम का प्रदर्शन हमें पता चलता है।
मैंने कहा ही यह भगवान और भक्त के मिलान का उत्सव है। नन्द बाबा यशोदा और सुबल सखा इत्यादि भक्त और भगवान् के मिलन का उत्सव। यह मिलान वैसे कुरुक्छेत्र में हुआ था उसी समय वृन्दवन के निवासी कुरुक्छेत्र गए थे। संकल्प के साथ ब्रज वासी गए थे किन्तु उस समय तो भगवान् के प्रकट लीला में ऐसा समज में आता है अभी नहीं आऊँगा। जगन्नाथ का मंदिर कुरुक्छेत्र है या द्वारका है। वहा पहुंच गए वृन्दवन वासी आज के दिन उनको सफलता मिली। जगन्नाथ मंदिर में गुंडिचा मंदिर वृन्दावन धाम है।
*हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे*
आप सभी को जहा भी अवसर प्राप्त होता है आप रथ यात्रा में समिल्लित हो जाइये। साल भर हम रथ यात्रा ही कर पा रहे है। ISKCon के भक्त जब तक रथ यात्रा है पूरी में तब तक मनाएंगे। आने वाले दिन मंन सैकड़ो रथ यात्रा होने वाली है। आप आपके निकट स्थान पर समिल्लित हो जाइये आप भी अनुभव करिये हम भगवान् को वृन्दावन ले आ रहे है।
ब्रज वासी मन ही मन कहते है मोर मन ही वृन्दावन है। यह चैतन्य महाप्रभु के भव है जब वे कीर्तन, नृत्य कर रहे थे खिंच रहे थे रथ को वे कह रहे थे मेरा मन ही वृन्दावन है मतलब आप मेरे मन रूपी वृन्दावन में आओ मैं आपको वह बैठना चाहता हु। अंततोगत्वा है मन में बैठना और हम पता नहीं अनादि कल से व्रज वासी तो १०० वर्ष के उपरांत मिल रहे थे लेकिन हम जो बात कर रहे है इस संसार के लोग कब से बिछुड़ गए है चलिए आज के दिन हम विशेष प्रार्थना के साथ इस लीला में प्रवेश करते है। हमारी प्रार्थना रहेगी प्रभु हमारे मन में बसिये मुझे दर्शन दीजिये इसी के साथ मुझे सेवा में नियुक्त कीजिये मैं आपका नित्य दस हु मेरे साथ रमिये यह भव विकार जब हम जप करते है तो जप के समय जो प्रार्थना करते है जप का जो भाष्य है उससे हम जगन्नाथ को सम्बोधित करते है।
आपकी लीला कथा सुनिये , दर्शन दीजिये।
*हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे*
कहते समय यह भाव् आता है। जगन्नाथ को राधा को सम्बोधित करते समय यह भाव हम व्यक्त करते है।
रथ यात्रा में आप समिल्लित होइए। जगन्नाथ के आनंद को लूटिये और और अपने जीवन सफल बनाइये।
जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव की जय।
श्री श्री गौर नीति की जय।
श्रील प्रभुपाद की जय।
श्रील प्रभु पद का आभार मानना चाहिए उनकी वजह से आज सभी को यह उत्सव मानाने का अवसर मिल रहा है सभी के घर में आज जगन्नाथ पहुंच गए है।
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By admin|2023-07-29T10:26:33+00:00July 1st, 2022|Comments Off on Lets Chant Together 1st July 2022