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*हरे कृष्ण* *जप चर्चा-०६/०६/२०२२* *परम पूज्य लोकनाथ स्वामी महाराज* *हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे* जप करते रहो। हरी हरी *कीर्तनीय सदा हरी* स्वयं गौर भगवान् श्री कृष्णा चैतन्य महाप्रभु की जय आप भी कीर्तन करते रहो जप करते रहो। हरे कृष्ण कीर्तन करने से १०० गुना अधिक लाभ होता है। जप भी करो अपने लिए और कीर्तन करो औरो के लिए। जब हम औरो के लिए करते है तो उसमे खुद का भी और सारे समाज का देश का संसार का कल्याण होता है। शास्त्रों में कहा है सभी सुखी हो। आप कैसे सुखी हो सकते हो? *chant hare krishna and be happy* चैटिंग के लाभ ही लाभ है। हरी हरी। इसीलिए कहा है एक ही उपाय है संसार के सभी समस्या के लिए १ उपाय। सब ६ स्कन्द में कहा है हम जो कार्य करते है उसमे कुछ दोष रह सकते है जप कर रहे है तो उसमे भी कुछ उसका तंत्र होता है विधि होती है उसमे भी कुछ दोष हुआ देश कल में कुछ दोष हुआ गलत स्थान पर हमने जप कीर्तन किया यह और कुछ कार्य किया जब हम कीर्तन करते है तो हाथ में काम और मुख में नाम लेंगे साथ में। विधि का अवलम्बन करते हुए भी हमें जप करना चाहिए कीर्तन करना चाहिए तो क्या होगा कुछ दोष हुआ होगा तो क्या होगा निर्दोष बनेगा। यह संसार छिद्रो से दोषो से है यह संसार में दोष ही दोष है विचारो में दोष ही दोष है। सुकदेव गोस्वामी कह रहे है कलियुग में दोष ही दोष होगा। ब्रेकिंग न्यूज़ सुनाने वालो सुनाने वाले जो सुनते है , कालीपुराण की होम डिलीवरी होती है यह पढ़ते ही आज कल का संसार यह दोष का संग्रह करके आपके घर पहुंचाया जाता है। सुकदेव गोस्वामी कहे थे यह सब हमें अचरज नहीं होना चाहिए। हम कीर्तन करेंगे तो मुक्त होंगे यह संसार मुक्त हो सकता है इस कलियुग के कलह से यह कलह भी एक पहचान है इस कलियुग के। छोटे मोठे झगड़े होते रहते है। उक्रैन एंड रसिया में वॉर हो रहा है। घर घर में वॉर है। उसी रसिए एंड उक्रैन के जो भक्त है जिनको हमने देखा कल वे एक दूसरे को प्रणाम करते है गले लगते है। उक्रैन एंड रसिया देवोटी एक दूसरे को गले लगा रहे है। *हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे* श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु कहे है -*चेतोदर्पणमार्जनं भव-महादावाग्नि-निर्वापणम्* यह संसार दावानल है। इसका निवारण संभव है इस संसार की आग बुझाई जा सकती है किससे जहा आग लगी है उसी स्थान पर निवारण भी होगा। *श्रेयःकैरवचन्द्रिकावितरणं विद्यावधू-जीवनम्* उस जगत में यदि हम कीर्तन करेंगे तो वह पुष्प खिलेंगे हरियाली होगी। श्रेय प्राप्त होगा कृष्ण प्रेम प्राप्त होगा जीवन शैली में परिवर्तन होगा। हरे कृष्ण महामंत्र क्या करता है ? भावो में क्रांति लाता है विचारो में क्रांति करता है। जो जो जप और कीर्तन कर रहे है वे कृष्ण भावनाभावित हो रहे है। विद्या अर्जन कर रहे है। वे अखबार नहीं पढ़ते गीता भागवत पढ़ते है। यही है क्रांति। हरी हरी। संसार में कई सरे दोष है पर्यावरण में दोष ही दोष। क्यों ? हमलोग सरे जंगल काट रहे है डेफोरेस्ट्रेशन हो रहा है वह इंडस्ट्री खोल रहे है। पशुपालन भी हो रहा है ताकि एक दिन भक्षण करेंगे। इस फारेस्ट से ही हमको वृक्षों से ऑक्सीजन मिलता है। हम काटेंगे तो कहा से मिलेगा हमारा डैम घुट जायेगा। सरे इंडस्ट्री से धुआँ निकल रहा है। अस्पताल भर रहे है। जंगल कटे जाने से कई सरे दुष्परिणाम हो रहा है हम वो अखबार पढ़ते है मन में गंदे विचार आ जाते है और हम वैसे विचार के बन जाते है दोष बढ़ाते ही रहते है। श्रील प्रभुपाद लिखे है भागवत में विश्व भर के जो लोग है इसको लौ बनाना चाहिए - वृक्षों को तभी कटना चाहिए जब भक्ति वेदांत बुक के लिए उपयोग हो कागज। इस प्रकार का सुझाव है संसार भर के लोगो को। *हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे* यह सलूशन है। अमेरिका सर्कार डेफोरेस्ट्रेशन की बात करता है। कई लोग नशा भी कर रहे है नशापान से उनके माइंडस में बिगड़ आ रहा है। २०% अमेरिका की आबादी मेन्टल हॉस्पिटल में एडमिट करने के योग्य बन रहे है। सर्कार कुश कोशिश तो कराती है नशापान करने का चस्का लगा गई युवक और युवती को। १९६० की बात है उस समय मिलियंस डॉलर खर्च कर रहे थे श्रील प्रभुपाद ने अमेरिका के युवक युवतिओं को हरिनाम पिलाया। फिर उन युवक और यवश ने ठुकरा दिया ड्रग्स। सर्कार को यश नहीं मिला श्रील प्रभुपाद को यश मिला। हरे कृष्ण महामंत्र के कारन उन्होंने ड्रग्स छोड़ा। लोनली लोग अकेला पैन महसूस करते है फिर आत्महत्या उनके लिए उपाय है वे सोचते है ऐसा। संसार में कितनी छोटी मोती समस्या है सभी समस्या का समाधान है हरेर नाम ाक्व केवलं। मास भक्षण, जुगार, नशापान , अवैध संघ यह अकार्य है लोग कर रहे है। काली वह रहा है जहा यह ४ प्रकार के कार्य होते है। काली को स्ताहन नहीं मिल रहा था ५००० वर्ष पहले। कोई देश नहीं बचा है यह कलियुग सभी जगह है। कैसे बच सकते है लोग इन दोषो से ? इसको छोड़ने की त्यागने की उपाय क्या है। मन दौड़ता है बर्गर की और , सिनेमा घर की और , ग्लैम्ब्लिंग की और यह आकर्षण है संसार के प्रलोभन है यह इसे त्यागने की छमता आ जाती है किससे आती है - *हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे* हमने भगवान् के नाम का उच्चारण किया यह नाम ही कृष्ण है वे हमें आकृष्ट करेंगे। माया खींच रही है। यदि हम जप कीर्तन नहीं कर रहे है तो माया ही माया आकृष्ट कर रही है। माया को लांघना कठिन है माया ही खींचती है आकृष्ट करती है जब हम जप करने लगते है तो कृष्ण हमें अपनी और खींचते है आपने स्वाद प्राप्त करते है। भगवान् मधुर है जप जीव इसका आस्वादन करता है तो कौन जीतेगा कृष्ण और भक्त जीतेगा। जहा है अर्जुन जैसे भक्त जहा है कृष्ण वहा जय है। माया को लांघना माया को पराजित करना आसान हो जाता है। इसीलिए आप जप करते रहो कीर्तन करते रहो संसार को सुखी देखना चाहते हो तो उनको भी दो कृष्ण। *कलिकाले नाम रुपे कृष्ण अवतार* हरे कृष्ण

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