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13 अक्टूबर 2019
हरे कृष्ण!
आज कार्तिक मास का प्रथम उदघाटन दिवस है। आज हमारे साथ 552 स्थानों से भक्त जप कर रहे हैं। 
हरि! हरि!
हम  इस कार्तिक मास में आशा करते हैं कि इस कॉन्फ्रेंस में अधिक से अधिक संख्या में भक्त  सम्मलित हो। इस कार्तिक  मास  को  मंत्र सिद्धि मास भी कहते हैं अर्थात यदि कोई इस कार्तिक मास में  हरे कृष्ण महामन्त्र का  जप करता है तो उसे सिद्धि प्राप्त हो सकती है, वह उच्च स्थिति प्राप्त कर सकता है। यह जप के लिए अत्यंत ही  अनुकूल मास है। यदि आप शीर्ष तक  नहीं भी पहुंचे तो इस मास में जप करने से आप अवश्य ही उच्च स्थिति को  प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए आप इस पवित्र कार्तिक/ दामोदर मास का पूरा लाभ लीजिए और अधिक मात्रा में जप  कीजिए। आप अपने जप  की संख्या को बढ़ाइए और साथ ही साथ आप ध्यानपूर्वक शुद्ध नाम जप करने का प्रयास कीजिए।
आप में से कुछ भक्त अभी भी जप कर रहे हैं जैसे नासिक से भक्ति वैभव माताजी, वह अभी भी जप कर रही हैं। जप करते रहना ठीक है परंतु अभी यह  समय  श्रवण के लिए है।कृपया अभी आप अपना जप रोकिए और जप चर्चा का श्रवण कीजिए।
हरि! हरि!
 हमें आपको यह बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा  है  कि आज से हम इस letschanttogether के एक नए पेज का उदघाटन कर रहे हैं। यह हमारे इस जप चर्चा का अर्थात आइए एक साथ जप करें का फेसबुक पेज है। हम  इस पेज का ऑफिसियल (आधिकारिक)  उदघाटन कर रहे हैं। हम आप सभी भक्तों की सेवा के लिए  इसका उद्घाटन कर रहे हैं। इस फ़ेसबुक पेज का लाभ यह होगा कि  जब भी आपको दिन में समय हो, तब आप हमारे साथ जप कर सकते हैं। आप इस जप चर्चा को दिन के समय फ्री होने पर भी सुन सकते हैं।आप वहाँ पर  इसका ट्रांसलेशन (अनुवाद) भी पढ़ सकते हैं। आप वहां कमेंट कर सकते हैं और  अपने अनुभव बता सकते हैं। यदि आप का कोई प्रश्न भी हो तो वहाँ पर पूछ सकते हैं। अभी क्या हो रहा है कि यदि आपका कोई कमेंट या  प्रश्न होता है तब आप  उसे इस जप सत्र के दौरान ही पूछते हो परंतु अब इस  फ़ेसबुक पेज के माध्यम से आप पूरे दिन  में  कभी भी हमसे प्रश्न पूछ सकते हो या अपने अनुभव बता सकते हो।आप इसका  लाभ अवश्य ले।
ऐसा नहीं होगा कि जब आप इस फ़ेसबुक पेज पर अपने प्रश्न पूछेंगे,  आपको तत्क्षण  उनके उत्तर मुझ से मिल  जाएंगे। मैं अगले दिन अथवा कुछ दिन के भीतर ही उन में से कुछ प्रश्न या अनुभव लूंगा और  उसके पश्चात हम उन पर  चर्चा करेंगे। इस प्रकार  हम आपके प्रश्नों का उत्तर  भी  देने का प्रयास करेंगे।
 मुझे नही पता कि यह संभव होगा या नहीं लेकिन यदि संभव हो तो जैसा कि हम कहते हैं - 'बोधयन्त: परस्परं  'आप आपस में ही प्रश्न पूछ कर उत्तर प्राप्त कर सकते हैं और अपनी समस्या सुलझा सकते हैं। हम भी देखते हैं  और यदि यह संभव हुआ तो हम भी इसे कर पाएं।
  वैसे  आज से  कार्तिक  मास का  प्रारंभ हो चुका है लेकिन तिथि के हिसाब से  आज अश्विन मास की  पूर्णिमा है। कल से कार्तिक मास प्रारंभ होगा, आज शारदीय रास पूर्णिमा है। आज के दिन भगवान ने रास किया था।अतः हम भी पूर्णिमा से  कार्तिक मास को  प्रारंभ करते हैं अर्थात आज के दिन को हम कार्तिक मास  में ही सम्मलित करते हैं। आप भी आज से अपना कार्तिक व्रत प्रारंभ कीजिए। मैंने भी आज  इस्कॉन तिरुपति में श्री राधा गोविंद देव और अष्ट सखी की मंगल आरती उतार करके कार्तिक मास को प्रारंभ किया। आज जब मैं  प्रात:काल उठा, तब  मेरा मन  एक बार वृंदावन  में चला गया था, आज मैं वृंदावन में था और  राधा श्यामसुंदर का  चिंतन कर रहा था। आज रास  पूर्णिमा  है, इसलिए मैं भगवान की रास लीला का भी चिंतन कर रहा था। श्रीमद् भागवतम के दसवें स्कन्ध में उनतीस से सैंतीस  अध्यायों में  भगवान की रास लीला का वर्णन आता है। आज पूर्णिमा की रात्रि को यह रास लीला सम्पन्न हुई थी और इस प्रकार  मैं  इन लीलाओं का चिंतन करते हुए स्वयं को वृंदावन में  पा रहा था।
 आज से दीप दान भी प्रारंभ होगा और  हम यशोदा दामोदर को दीप दान करेंगे। यहां मुझे आज शाम को दामोदर अष्टकम प्रार्थना गाने के लिए कहा गया है। मैं आज यशोदा दामोदर अष्टकम गाऊँगा। हम कार्तिक मास में  जो  कार्तिक व्रत लेते  हैं, उसमें हम एक व्रत  प्रतिदिन यशोदा दामोदर को दीप दान करने का भी लेते हैं। आप सभी भी ऐसा कीजिए, आप प्रतिदिन यशोदा दामोदर को दीप दान कीजिए अर्थात  दीप अर्पित कीजिए। कुछ दिन पहले मैंने आपको प्रोत्साहित करते हुए कहा था कि आप  स्वयं तो दीप दान करते ही हैं परंतु इस बार आप अन्यों से  भी दीप दान करवायें। आप अपने मित्रों, रिश्तेदारों, अपने आस पड़ोस के लोगों  को कम्युनिटी हॉल में या उनके साथ जाकर  अथवा उन्हें अपने घर बुलाकर  उन्हें एकत्रित कीजिए  और उन्हें बताइए कि वे भी यशोदा दामोदर को दीप दान करें और  इस कार्तिक मास का लाभ लेकर इस पूरे उत्सव का अंश बने। अतः उन्हें भी दीप दान के लिए प्रोत्साहित कीजिये। 
इस प्रकार से यह एक छोटा सा उत्सव हो सकता है,आप सभी को आमंत्रित कीजिए, उन सभी से भगवान को दीप दान  करवाइए। जब  वे दीप दान करें तब आप दामोदर अष्टकम का  गान  व उसके पश्चात आप हरे कृष्ण महामंत्र का कीर्तन कर सकते हैं, उन  सभी को प्रसाद वितरण  कीजिए। इस प्रकार  आप  इस छोटे उत्सव के रूप में यह दीप उत्सव  मना सकते हैं। आप सभी इस प्रकार का प्रयास कीजिए और इसका लाभ  उठाइए।
  आप निरंतर जप और श्रवण करते रहिए और इस दिव्य  कार्तिक मास में वृंदावन  वासी बनिए। यदि आप  ब्रजमंडल परिक्रमा में भी सम्मलित हो सकते हैं, उसके लिए प्रयास कीजिए परंतु यदि आप किसी कारणवश वृंदावन नहीं जा सकते हैं तब आप के लिए एक और अवसर है जिसके   माध्यम से  आप घर बैठे ही वृंदावन वासी बन सकते हैं। आप  प्रतिदिन ब्रजमंडल दर्शन पुस्तक  का एक अध्याय पढ़िए  जिसे पढ़ कर आप ब्रजमंडल परिक्रमा का भाग बन सकते हैं। मुझे  ठीक से नहीं पता परंतु  नोएडा से महात्मा विदुर प्रभु कुछ प्लान कर रहे हैं कि प्रतिदिन आप  किस प्रकार से ब्रजमंडल दर्शन पुस्तक के एक अध्याय का श्रवण कर पाएं। प्रभुजी अभी इस पर कार्य कर रहे  हैं और आगे जैसा भी होगा, आपको बता भी दिया जाएगा। आप प्रतिदिन एक अध्याय का श्रवण कीजिए औऱ  वृन्दावन के वास का लाभ लीजिए एवं सम्पूर्ण माह वृन्दावन की चेतना में स्थित रहिए।दुबई से श्यामलंगी माताजी भी कुछ ऐसा प्रयास कर रही हैं कि दुबई में जो नित्यं भागवतम सेवया प्रोग्राम होता है, उसमें किस प्रकार से  दुबई के भक्त   भागवतम का श्रवण कर सकते हैं और इस चेतना में  स्थित रह सकते हैं। इसके साथ साथ  नागपुर से हमारे विमल कृष्ण प्रभु और परम करुणा  प्रभु ने इस पुस्तक को पढ़ना प्रारंभ कर दिया है और उन्होंने कल भी यह पुस्तक पढ़ी  थी। आप सभी भी  सुनिश्चित कीजिए कि ब्रज मंडल पुस्तक आपके पास हो। यदि आपके पास  पुस्तक नही  है तो आप यह पुस्तक अपने नजदीकी मंदिर से सम्पर्क करके  प्राप्त कर सकते हैं अथवा नोएडा यात्रा प्रेस से मंगवा  सकते हैं। यह पुस्तक हिंदी और अंग्रेजी में  अमेज़न पर भी उपलब्ध है, आप वहां से  इसे ऑनलाइन आर्डर कर सकते हैं। इसके साथ ही साथ आप श्रील प्रभुपाद जी की कृष्णा  पुस्तक का अध्ययन कर सकते हैं।प्रभुपाद ने  दसवें स्कन्ध का सारगर्भित रूप  इस कृष्णा पुस्तक में  दिया है, आप उसका भी  अध्ययन कर सकते हैं।
 हमारे पास कार्तिक मास में करने के लिए बहुत सेवाएं है। आप  शीघ्र ही  उनमें  जुट  जाइए। बातें कम और सेवाएं अधिक कीजिए। मॉरीशस से  हमारे  सुंदराचल  प्रभु  बता रहे थे कि उन्होंने पिछले वर्ष भी पूरे मास इस ब्रजमंडल दर्शन पुस्तक का अध्ययन किया था और वहां के भक्तों को भी कराया था और वे इस वर्ष भी  ऐसा करेंगे।  वे बता  रहे थे कि  यह अत्यंत ही सुंदर पुस्तक है। इसमें ब्रजमंडल यात्रा के  जो विग्रह हैं , उनकी तस्वीरें है, आप घर बैठे उन सभी विग्रहों का दर्शन कर सकते हैं। आज से हमारी ब्रज मंडल प्ररिक्रमा प्रारंभ हो चुकी होगी। इस परिक्रमा  के लिए लगभग हजार से 1500 भक्त वृन्दावन के कृष्ण बलराम मंदिर पहुंच गए होंगे।  मैं इस परिक्रमा में सम्मलित होने वाले उन सभी भक्तों को  धन्यवाद और बधाई देता हूँ। वे अवश्य ही सौभाग्यशाली आत्माएं हैं कि उन्हें ब्रजमंडल परिक्रमा का मौका  मिला है।
 हम इस कांफ्रेंस को यहीं विराम देते हैं। आप  सभी कार्तिक मास की सेवाओं में जुट जाइये। ये आध्यात्मिक सेवाएं हैं, वे भी आपके कार्तिक व्रत का एक अंश/भाग है।  आप सभी पूरे जोश से इन कार्तिक सेवायें में जुट  जाइए और इनको सम्पन्न कीजिए।
 
गौरांगा!