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14 अक्टूबर 2019
हरे कृष्ण!
अब हमारे समक्ष बहुत ही शुभ दामोदर मास है। यह दामोदर मास बहुत ही सुंदर और दिव्य समय है। इस दामोदर माह में आज हमारे साथ लगभग 578 स्थानों से भक्त जप कर रहे हैं। मैं ऐसी आशा करता हूँ कि जिस प्रकार जुलाई मास में हमारे साथ जप करने वाले सहभागियों की संख्या लगभग 700 थी, इस कार्तिक मास में उतनी या उससे अधिक संख्या होनी चाहिए। आप सभी इसके लिए प्रयास कीजिए जिससे इस जपा कॉन्फ्रेंस में अधिक से अधिक भक्त संग लेकर जप कर सकें।
हमें पूरे संसार भर से अत्यंत ही आनंदप्रदत्त और बहुत ही उत्साहित करने वाली खबरें मिल रही हैं और विशेषकर श्री वृंदावन धाम से, जहां कार्तिक मास में भक्त लोग कितनी अन्य क्रियाओं में संलग्न हैं। वे मुझे अपनी दैनिक रिपोर्ट्स भेजते हैं।
हमारा फेसबुक पर एक पेज भी है- letschanttogether जहाँ पर समाचार और खबरें आप सभी भक्तों के पढ़ने और प्रेरित होने के लिए पोस्ट (भेजी) की जाती हैं। इनमें से कुछ खबरें मैं इस कॉन्फ्रेंस में भी आपके सबके समक्ष रखता हूँ।
श्रील भक्ति सिद्धांत सरस्वती ठाकुर अपने भक्तों के समक्ष ऐसी इच्छा प्रकट किया करते थे कि हमारा एक दैनिक समाचार पत्र होना चाहिए जिसका नाम हरे कृष्ण दैनिक समाचार पत्र हो। उस समय सभी भक्त काफी अचंभित व विस्मित हो गए थे कि यह ऐसे कैसे सम्भव हो सकता है कि "हमारा गौड़ीय वैष्णवों का एक दैनिक समाचार पत्र छपे।" लेकिन मैं आज देख रहा हूँ, कि पूरे संसार भर से इतने समाचार आ रहे हैं,उससे लगता है, ऐसा क्यों नहीं हो सकता कि हमारा दैनिक समाचार पत्र छप पाए अपितु मैं देखता हूँ कि आज पूरे संसार में इस्कॉन अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ के क्रियाकलाप चल रहे हैं, उसका हमें केवल एक छोटा सा अंश मात्र ही प्राप्त होता है। मैं ऐसा सोच रहा था कि दैनिक समाचार पत्र की क्या बात की जाए, हम तो प्रतिक्षण एक समाचार पत्र छाप सकते हैं। हमारे पास पूरे संसार में हरे कृष्ण आंदोलन के प्रचार और प्रसार के कार्यो की इतनी खबरें हैं कि हमारा तो हर पल एक समाचार पत्र हो सकता है।
मैं सोच रहा था कि हमारे इस्कॉन की दुनिया की हज़ारों की संख्या में वेबसाइट है और उन वेबसाइट पर भक्तों के द्वारा इतना अधिक समाचार प्रसारित किया जा रहा है, ऐसा लगता है कि पूरा आध्यात्मिक जगत ही एक प्रकार से उतरा हुआ है। आध्यात्मिक खबरें चारों तरफ फैल रही हैं। यह बहुत ही सुंदर है कि हम चारों तरफ से हरे कृष्ण आंदोलन के समाचारों को सुन रहे हैं।
संसार के समाचार पत्रों में ग्राम्य कथा औऱ केवल उल्टी सीधी मन को दूषित करने वाली व समाज को प्रदूषित करने वाली खबरें छपती रहती हैं लेकिन जो खबरें हमारे ज़ूम कॉन्फ्रेंस या पूरे इस्कॉन जोन की विभिन्न वेबसाइटों में रहती हैं, उसमें केवल भगवान कृष्ण, दामोदर की कथा होती है। इस्कॉन का दंडवत नाम से भी एक समाचार पत्र है जोकि दैनिक प्रकाशित होता है जिसमें भगवान की कथाएँ ही होती हैं। हम समाचार पत्रों के माध्यम से जो ग्राम्य कथाएं इतने समय से सुन रहे हैं, हमें उसको एकदम बंद कर देना चाहिए, अब बहुत हो चुका। हमें विभिन्न माध्यमों से केवल और केवल दामोदर कथा, राम कथा, कृष्ण कथा, चैतन्य कथा ही सुननी चाहिए।
जैसे जैसे हम कृष्ण कथा, दामोदर कथा या दामोदर मास की कथा सुंनेगे, हम और अधिक कृष्ण भावना भावित होते जाएंगे। जब हम विभिन्न माध्यमों से उन खबरों को पढ़ेगें और सुनेंगे तब हमारी एकाग्रता/ध्यान हरे कृष्ण महामंत्र का जप करने के समय और अधिक प्रगाढ़ होती जाएगी। तत्पश्चात हम भगवान से सम्बंधित कथाओं/ समाचारों के विषय में अधिक से अधिक मनन और स्मरण कर पाएंगे।
दुबई अर्थात दामोदर देश से श्यामलंगी माताजी अपनी रिपोर्ट में हमें बता रही हैं कि दुबई में श्री नाथ जी का जो एकमात्र हिन्दू मंदिर है, वहां कल भगवान का बहुत सुन्दर दिव्य श्रृंगार हुआ था। भगवान को सुंदर श्वेत वस्त्र धारण करवाए गए थे और उसमें भगवान अपने भक्तों से घिरे हुए थे। उनका शरद पूर्णिमा का बहुत सुंदर दर्शन हो रहा था। उन्होंने बताया कि आज जब वह सुबह जप करने के लिए बैठी तब उनको शरद पूर्णिमा की रात्रि में भगवान ने जो सुंदर श्वेत वस्त्र धारण किए हुए थे, उस दिव्य स्वरूप का स्मरण हो रहा था। मैं निश्चित हूं कि आप में से जिन भक्तों ने भी कल दामोदर आरती की होगी या यशोदा दामोदर का सुंदर दिव्य दर्शन किया होगा, उन सब को भी जप के समय उस दर्शन का स्मरण हो रहा होगा।आज सुबह जब आप जप कर रहे होंगे तब आपके मन में भगवान की जो छवियां हैं, वह निश्चित रूप से उभर रही होंगी।
हरि! हरि!
आज सुबह वृंदावन धाम में ब्रजमंडल परिक्रमा प्रारंभ हुई है। भक्त लोग वृंदावन धाम की परिक्रमा कर रहे हैं। वहां से कुछ भक्तों ने मुझे समाचार भी भेजा है कि वे जपा कॉन्फ्रेंस में भी हैं और ब्रजमंडल परिक्रमा भी कर रहे हैं। जब मैंने यह देखा कि भक्त परिक्रमा में चल रहे हैं और साथ साथ वे लोग जपा भी कर रहे हैं, इससे मुझे बहुत ही अधिक प्रसन्नता हुई।
इसके अतिरिक्त कुछ भक्तों से मुझे यह भी समाचार मिल रहा है कि आज सुबह भक्तों ने ब्रजमंडल दर्शन पुस्तक का पहला अध्याय वृंदावन परिक्रमा का भी अध्ययन किया। यह एक प्रकार से मुझे बहुत ही संतुष्ट और बहुत ही प्रसन्न करने वाली अनुभूति है। यह जो पुस्तक मैंने लिखी है अर्थात संकलन किया है, इसके लिए मुझे बहुत वर्ष और बहुत अधिक तपस्या करनी पड़ी है। सालों की तपस्या के उपरांत यह पुस्तक निकली है जिससे अब भक्त लोगों को घर बैठे ब्रजमंडल परिक्रमा का सुंदर अनुभव हो रहा है। यह समाचार मेरे लिए बहुत ही संतुष्ट करने वाला है, मैं उससे बहुत अधिक प्रसन्न हूँ।
मैं सोच रहा था कि आप सभी भक्तों के पास दो चीज़ें अवश्य होनी चाहिए एक ब्रज मंडल परिक्रमा की सारणी जिसे हमारे फेसबुक letschanttogether पेज पर भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। आप सभी के पास ब्रजमंडल परिक्रमा का चौरासी कोस परिक्रमा का शिड्यूल(सारणी) होना चाहिए अर्थात परिक्रमा कब, कहाँ पर जाएगी और साथ में आपके पास ब्रजमंडल दर्शन पुस्तक होनी चाहिए।आप उस सारणी के अंदर देख सकते हो कि दैनिक परिक्रमा कहां जा रही है ? यदि परिक्रमा आज गोवर्धन जा रही है तब आप तत्काल ब्रज मंडल दर्शन पुस्तक का वह पेज खोल कर उसका अध्ययन कर सकते हैं। इसी प्रकार से यदि आज परिक्रमा बद्रिकाश्रम जा रही है तब आप ब्रजमंडल दर्शन पुस्तक में बद्रिकाश्रम का वह पेज खोल कर उसका अनुभव ले सकते हैं। इस प्रकार से जहाँ जहाँ भी परिक्रमा जा रही है, आप उसका घर बैठे मानसिक रूप से दिव्य सुंदर अनुभव प्राप्त कर सकते हो। आजकल भक्त लोग वृंदावन की परिक्रमा कर रहे हैं। श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु ने भी वृंदावन की परिक्रमा की थी। हम भी उन भक्तों के साथ वृंदावन की परिक्रमा घर बैठे इस पुस्तक के द्वारा मानसिक रूप से कर सकते हैं।
आप सभी दीपदान उत्सव में मंदिरों में सम्मलित हो सकते हैं और साथ साथ आप अन्य जीवात्माओं, अपने मित्रों, अपने सहभागियों को, रिश्तेदारों को इस उत्सव में सम्मिलित कर सकते हैं "यारे देखो तारे कह कृष्ण उपदेश" आप अधिक से अधिक संख्या में लोगों को इस दीपदान उत्सव में सम्मलित करने के लिए प्रेरित कीजिए। हमने आज ही एक खबर सुनी है कि हमारे अकिंचन प्रभु जो कि इस्कॉन बंगलोर से हैं उन्होंने बताया कि इस्कॉन बंगलोर ने 5 लाख लोगों को दीप दान करवाने का संकल्प लिया है। यह बहुत बड़ा लक्ष्य है, जिस प्रकार से इस्कॉन बंगलोर ने अपने लिए यह लक्ष्य स्थापित किया है। उसी प्रकार से आप सभी भी अपनी अपनी क्षमता के अनुसार लक्ष्य स्थापित कर सकते हैं। इस्कॉन सोलापुर भी कह रहा है कि वे भी काफी लोगो को दीप दान करवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा से भी हमें खबर मिली है कि वहाँ अतुल कृष्ण प्रभुजी ने दामोदरअष्टकम पर चार सीरीज ऑफ लेक्चर दिया है। नोएडा से सीता ठुकरानी माताजी भी बता रही है कि उन्होंने दामोदर मास के पहले दिन ही इस्कॉन नोएडा में बाल गोविंद प्रभुजी के द्वारा पेरेंटिंग अर्थात माता पिता अपने बच्चों का लालन पालन किस प्रकार से कॄष्णभावनामृत में कर सकते हैं, विषय पर सेमिनार करवाया। हमें बहुत प्रेरणादायक खबरें मिल रही हैं।
मॉरीशस से कुसुम सरोवर माताजी ने ब्रजमंडल दर्शन पुस्तक का अध्ययन शुरू किया है और उन्होंने उसका एक अध्याय पढ़ लिया है। अयोध्या नाथ प्रभु भी बता रहे हैं कि वे इस दामोदर मास में पद यात्रा संयोजित (कार्ययोजना) कर रहे हैं और उस पद यात्रा में शामिल होने वाले लोगों से वे दीप दान भी करवाएंगे। इस प्रकार से चारों तरफ से खबरें बम की तरह गिर रही हैं। मैं इन सबको तो पढ़ नही सकता लेकिन आप इसको अपने खाली समय में फेसबुक के letschantstogether पेज पर यह सभी खबरें पढ़ करके उत्साहित अनुभव कर सकते हैं।
अंत में यह मैं कहना चाहता हूं कि आप सभी दामोदरअष्टक पढ़ रहे हैं,दीप दान कर रहे हैं और यशोदा दामोदर की आरती कर रहे हैं। आप सभी को दामोदर अष्टक के अर्थ को भी अच्छी तरह से समझने का प्रयास करना चाहिए। दामोदरअष्टक शब्द का अर्थ क्या है? उसका भावार्थ, उसका अनुवाद (ट्रांसलेशन) उसका व्याख्या क्या है ? और यदि हमें उसके ऊपर किसी आचार्य की व्याख्या भी पढ़ने को मिलती है, आप उसको भी पढ़ कर उसके भाव को समझने का प्रयास कीजिए। यह जो दामोदरअष्टक गाया या लिखा गया है, जब हम इसको गाते हैं, तब हम समझते भी हैं कि दामोदरअष्टक में भक्ति का क्या अनुभव किया गया है इसका क्या भाव है, इसके द्वारा हमारे अंदर किस प्रकार की भावनाएं जागृत होती हैं? जैसे कि हम दामोदर अष्टकम पढ़ते हैं वैसे ही हमारे अंदर भी वे भावनाएं उदित होती हैं और हम उसको और अधिक प्रेम व आनंदपूर्वक समझ सकते हैं और गा सकते हैं।
हरे कृष्ण!