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10th Oct 2019 जप टॉक हरे कृष्ण आज लगभग 550 भक्त इस कांफ्रेंस में जप कर रहे हैं। मॉरीशस से एक रिपोर्ट आयी है वे कह रहे हैं कि जितने भक्त इस कॉन्फ्रेंस में सम्मिलित है उनके नाम नहीं दिखते। शालिनी माताजी जो कि दुबई से हैं उनकी भी इसी प्रकार की रिपोर्ट या शिकायत है कि उन्होंने पदमाली प्रभु से कहा है कि हम इस विषय में जांच कर लेंगे देखेंगे क्या है? मैंने इसकी सूचना ले ली है और इस पर ध्यान दिया है। आज मैं कार्तिक मास के विषय में सोच रहा था और यह सोच रहा था कि आपको बताऊं कि हम किस प्रकार से कार्तिक मास में कुछ संकल्प ले सकते हैं कुछ व्रत ले सकते हैं। मैं ऐसा विचार कर ही रहा था तो दयालु राधा माता जी जो यूनियन आईलैंड से हैं मॉरीशस के पास एक छोटा सा द्वीप है उन्होंने मुझे लिखा कि महाराज! कार्तिक मास के दौरान मैं हरिनाम की महिमा का खूब प्रचार करूंगी पूरे द्वीप के ऊपर। जैसे ही मैंने यह मैसेज पढ़ा, मुझे लगा मेरे जो विचार हैं वह कंफर्म हो गए वह सही थे और मैंने निश्चय कर लिया कि मैं आप लोगों को बताऊंगा कि आप किस प्रकार कार्तिक मास में प्रचार कर सकते हैं। दामोदर महीने की काफी महिमा श्री रूप गोस्वामी ने भक्तिरसामृत सिंधु में बताई है। अन्य गौड़ीय वैष्णव तथा अन्य शास्त्रों ने इसकी महिमा का काफी स्थान पर उल्लेख किया है। किस प्रकार से हम अलग-अलग विधियां या अलग-अलग कार्य कर सकते हैं? धाम वास के ऊपर कार्तिक मास में अत्यंत बल दिया गया है। अतः आप लोग श्री धाम वृंदावन में आकर पूरा महीना बिता सकते हैं। आप ब्रजमंडल परिक्रमा कर सकते हैं और कृष्ण बलराम मंदिर में भी रह सकते हैं और भी अनेक विधियां हैं जिनके बारे में हम चर्चा करेंगे। दीपदान के ऊपर भी बहुत अधिक बल दिया जाता है। कार्तिक मास के दौरान आप यशोदा दामोदर को दीप दिखा सकते हैं आप जहां कहीं भी रहते हैं, आप अपने घर पर यह कार्य कर सकते हैं, आप अपने सगे संबंधियों मित्र बंधुओं को भी बुला सकते हैं, आसपास के लोगों को भी आमंत्रित कर सकते हैं और दामोदर अष्टकम का गान करके भगवान को दीप दिखा सकते हैं। अब आप सभी भक्तों को भी पता चल गया होगा कि दुबई का नाम बदल दिया गया है। उसका नाम अब हो गया है दामोदर देश, यह इस्कॉन के भक्तों के अंदर की बात है कि हम इसको अब दामोदर देश कहते हैं। दामोदर देश में दामोदर महीना अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है। अधिकतर भक्त मैराथन ही कर लेते हैं। हजारों की संख्या में वे लोग दीपदान करते हैं और अन्य लोगों से दीपदान कराते हैं और दामोदरष्टकम करते हैं और हमारे जोन में इस्कॉन सोलापुर यह बहुत धूमधाम से मनाता है और अन्य मंदिर भी करते ही हैं। आप जहां पर भी हो वहां यह कार्य कर सकते हो। 1972 में श्रील प्रभुपाद अपना पूरा प्रचार कार्य, विश्व भ्रमण रोककर, श्री धाम वृंदावन में आकर रहे पूरा कार्तिक महीना, पूरा एक महीना श्रील प्रभुपाद ने कहीं ट्रेवल नहीं किया और उन्होंने पूरा कार्तिक महीना राधा दामोदर मंदिर में रहकर मनाया मुझे भी यह सौभाग्य मिला कि मैं प्रभुपाद के साथ वहां था तो हमने श्रील प्रभुपाद से पूछा कि किस प्रकार से कार्तिक मास मनाना चाहिए तो फिर प्रभुपाद ने उत्तर दिया नो ईटिंग नो स्लीपिंग जस्ट चेंट हरे कृष्ण 24 आवर। इसका अर्थ है कि 24 घंटे सिर्फ हरे कृष्ण महामंत्र का जप करना चाहिए। खाना पीना सोना सब छोड़कर सिर्फ हरे कृष्ण महामंत्र का जप कर हमें दामोदर महीना बिताना चाहिए और उस समय श्रील प्रभुपाद राधा दामोदर मंदिर में रहते थे और प्रत्येक दिवस पूरा महीना भक्तिरसामृत सिंधु के ऊपर कक्षा होती थी और श्रीमद्भागवतम् पर भी कक्षा होती थी तो सुबह और शाम क्लासेज होते थे दिन में दो बार । श्रील रूप गोस्वामी की समाधि के पास प्रभुपाद कक्षा देते थे और उसके बाद हमें संकीर्तन करने भेजा जाता था, हम प्रत्येक दिन राधा दामोदर मंदिर से रमणरेती जाते थे। रमणरेती जहां पर कृष्ण बलराम मंदिर स्थित है और वहां पर तब उस समय कंस्ट्रक्शन प्रारंभिक अवस्था में थी तो प्रत्येक दिन हम लोग वहां हरिनाम संकीर्तन करते हुए जाते थे और दिन में दो क्लासेज कम से कम प्रभुपाद की सुनते थे तो पूरे महीने में हमारी काफी हियरिंग और चैनंटिंग होती थी, हम बहुत सारा जप करते थे और काफी श्रवण भी करते थे। यदि आप पूरा महीना वृंदावन आकर नहीं रह सकते और ब्रज मंडल परिक्रमा नहीं कर सकते तो एक और उपाय है। आप लोगों के लिए कि आप लोग ब्रजमंडल दर्शन पुस्तक पढ़ें। काफी भक्त इसका अभ्यास इस प्रकार करते हैं कि वे प्रत्येक दिन 1 अध्याय का अध्ययन करते हैं जो परिक्रमा हमारी 30 दिन चलती है। उसके साथ-साथ प्रत्येक दिन 1 अध्याय का अध्ययन करते हैं और वहां की लीला स्थलियों के बारे में पढ़ते हैं। वहां की लीला स्थलियों के जो विग्रह हैं उनके दर्शन करते हैं क्योंकि इस पुस्तक में काफी विस्तृत वर्णन किया गया है। हर एक वस्तु का हर एक स्थान का हर एक विग्रह का उनके काफी सुंदर छायाचित्र भी दिए गए हैं जो आप देख सकते हैं और काफी भक्त इसका अभ्यास करते हैं कि प्रत्येक भक्त प्रत्येक दिन 1 अध्याय पढ़कर इस परिक्रमा के साथ-साथ मानसिक रूप से रहते हैं। इस प्रकार प्रत्येक स्थान से काफी भक्त दुनियाभर में जैसे न्यूजर्सी से रिपोर्ट आता है कि भक्त इस प्रकार करते हैं, यह उनकी साधना का एक मुख्य अंग बन जाता है। ब्रजमंडल दर्शन पुस्तक जो हिंदी और इंग्लिश में उपलब्ध है वे उसका प्रतिदिन एक अध्याय का अध्ययन करते हैं। इस प्रकार 30 दिन में 30 अध्याय पूरे हो जाते हैं और इस प्रकार वे मानसिक परिक्रमा करते हैं। अभी तो यह पुस्तक यह ग्रंथ हिंदी और अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है लेकिन इसका अनुवाद अन्य भाषाओं में भी हो रहा है। जैसे बंगाली रशियन और मराठी। भविष्य में और लोकल भाषा में भी यह ग्रंथ प्राप्त हो जाएगा भक्तों की सुविधाओं के लिए , लेकिन फिलहाल हिंदी और इंग्लिश में है। कार्तिक मास का प्रत्येक दिन एक उत्सव के समान है क्योंकि इसमें अनेक उत्सव आते हैं जैसे कि शरद पूर्णिमा से इसका प्रारंभ होता जो कि रास पूर्णिमा है। इसके साथ-साथ अनेक फेस्टिवल है जैसे कि दिवाली, दिवाली एक महत्वपूर्ण उत्सव है। यह बहुत महत्वपूर्ण दिन है, इसी दिन भगवान कृष्ण दामोदर बने थे, इसी दिन दामोदर लीला हुई थी। भगवान ने अपने घर में माखन की चोरी की और यशोदा मैया ने भगवान को रस्सी की सहायता से ऊखल से बांध दिया था, इसीलिए भगवान का नाम दामोदर हुआ। आपकी जानकारी के लिए यह लीला दिवाली के दिन ही संपन्न हुई थी और श्रील प्रभुपाद का तिरोभाव दिवस भी कार्तिक मास में आता है। गोवर्धन पूजा भी कार्तिक मास में आती है और उत्थान एकादशी भी इसी में आती है और काफी आचार्यों के आविर्भाव, तिरोभाव तिथि वह भी इसी कार्तिक मास में आती है,जैसे नरोत्तम दास ठाकुर का तिरोभाव दिवस। आप पूरी भक्ति उत्साह के साथ कार्तिक मास मनाने की तैयारी कर लीजिए और आज हम यह कॉन्फ्रेंस यही रोकेंगे क्योंकि मुझे तिरुपति के लिए निकलना है। तिरुपति में जीबीसी मीटिंग प्रारंभ हो चुकी है और मैं निकल रहा हूं। इस कांफ्रेंस को हम यहीं विराम देते हैं हरे कृष्ण। परम पूज्य लोकनाथ स्वामी महाराज की जय। श्रील प्रभुपाद की जय।

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