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9th December 2019 हरे कृष्ण! आज हमारे साथ 375 स्थानों से भक्त जप कर रहे हैं । आप सभी जप करते रहिए। अब आप सभी एक रिकॉर्डेड जपा टॉक सुनेंगे। मैं आप सभी के साथ जप करके अत्यंत प्रसन्न हूं। कृपया ध्यान पूर्वक जप कीजिए। इस कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य आप सब को ध्यान पूर्वक जप करना सिखाना है। हमें अत्यंत ध्यानपूर्वक जप करना चाहिए। हमें प्रातः काल में अपना जप पूरा कर लेना चाहिए तथा इस गीता जयंती के महीने में भगवत गीता का वितरण करना चाहिए। कई भक्त अपने स्कोर लिख रहे हैं कि उन्होंने कितनी भगवद गीता का वितरण किया। आप सभी को इसके लिए बधाई । आप अपने पुस्तक वितरण की संख्या को बढ़ाइए। यह सेवा आप सभी के लिए है। आप ब्रह्मचारी हो सकते हैं अथवा गृहस्थ हो सकते हैं, आप मंदिर में रह सकते हैं अथवा घर में रह सकते हैं परंतु पुस्तक वितरण आप सभी को करना चाहिए। श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु ने सभी को यह निर्देश दिया है। वह निर्देश क्या है ? जारे देखो तारे कहो कृष्ण उपदेश। श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु कृष्ण उपदेश किसे कह रहे हैं ? यह भगवत गीता है। प्रत्येक व्यक्ति को कृष्ण के उपदेश का प्रचार कीजिए। कल गीता जयंती के दिन भगवान श्री कृष्ण ने गीता का यह अमर संदेश अर्जुन को सुनाया था इस प्रकार से भगवत गीता का जन्म हुआ । हमें यह संदेश प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना है। अतः आप हरे कृष्ण का जप कीजिए तथा जारे देखो तारे कहो कृष्ण उपदेश का पालन कीजिए। प्रातः काल में अपना जप पूरा कीजिए तथा जितना अधिक हो सके भगवत गीता का अध्ययन कीजिए। हमारे मंदिरों में भगवद्गीता पहले से रखी हुई है आप स्वयं भी उसे पढ़ सकते हैं और उसका वितरण भी कर सकते हैं। यह सबसे अधिक सामाजिक भलाई का कार्य है। समाज में कई प्रकार की कठिनाइयाँ है जिसके विषय में आपको पता है उसका इन सभी समस्याओं का एकमात्र उपाय है जारे देखो तारे कहो कृष्ण उपदेश आप सभी को कृष्ण के विषय में बताइए तथा उन्हें हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे इस महामंत्र का जप करने के लिए प्रेरित कीजिए। हमने स्वयं को परम भगवान श्री कृष्ण के नाम रूप गुण तथा लीलाओं के सागर में डुबो दिया है अब हमें इस सागर में अपने परिवार समाज राज्य देश तथा श्रीला प्रभुपाद और गुरु गौरांग की कृपा से जितने अधिक से अधिक लोगों को इसमें सम्मिलित कर सकते हैं हमें करना चाहिए । पृथ्वीते आछे जत नगर आदि ग्राम सर्वत्र प्रचार होइबे मोर नाम। आप सभी से निवेदन कीजिए कि वे भगवत गीता की एक प्रति खरीदें तथा इसे पढ़ें। गीता वितरण के कई अवसर हैं यथा क्रिसमस, नया साल, शादी की वर्षगांठ , आदि उत्सव पर आप इसे उपहार के रूप में दे सकते हैं। भगवत गीता का वितरण सभी स्थानों पर हो सकता है। इस्कॉन के सदस्य जो धनी है वे शास्त्र दान कर सकते हैं वे 100, 500 अथवा अपनी श्रद्धा अनुसार कुछ भगवत गीता को स्पॉन्सर करके उनका दान कर सकते हैं। कार्तिक में अमरावती के भक्त जेल में जाकर के कैदियों से दीपदान करवा रहे थे उसी प्रकार जेल में गीता वितरण किया जा सकता है और वे गीता जो दान में दी गई है उन्हें जेल में तथा स्कूलों में बच्चों को मुफ्त में दिया जा सकता है। तुला दान भी हो सकता है इस प्रकार कई प्रकार से हम अधिक से अधिक मात्रा में पुस्तक वितरण कर सकते हैं तथा इस दिव्य संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा सकते हैं । हमें उसके लिए युक्ति सोचनी चाहिए यदि अधिक से अधिक मात्रा में लोग भगवत गीता तथा परम भगवान की शरण ग्रहण करेंगे तो उसका क्या फल होगा ? जैसा कि भगवत गीता में कहते हैं अहम त्वाम सर्व पापेभ्यो मोक्षस्यामी मा शुचः। अर्थात भगवत गीता के वितरण से जो भी इस गीता को स्वीकार करेगा वह मुक्त हो जाएगा और हम परम भगवान श्री कृष्ण को और अधिक प्रिय होंगे क्या आप भगवान श्री कृष्ण के प्रिय बनना चाहते हैं? हां । क्या कोई ऐसा है जो भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय नहीं बनना चाहता है? दीनानुकम्पा भी भगवान श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय बनना चाहती है। भगवान भगवद गीता में कहते हैं कि जो मेरे इस संदेश को अधिक से अधिक लोगों को सुनाएगा वह मुझे सबसे प्रिय होगा । भगवान के अलावा और किसी का प्रिय बनने में कोई फायदा नहीं है। इस जीवन का उद्देश्य ही स्वयं को भगवान का प्रिय बनाना है भगवत गीता भगवान श्री कृष्ण का उपदेश ही है। इस प्रकार आज मैंने जप चर्चा भी की। मुझे अधिक बोलने के लिए मना किया गया है परंतु फिर भी आज मैं अधिक समय तक बोला । अब मैं अपनी वाणी को यहीं विराम देता हूं यदि आपके कोई प्रश्न हो अथवा भगवत गीता पुस्तक वितरण के कुछ अनुभव हो तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पोस्ट कर सकते हैं। उन अनुभवों का मुझे भी पता चलेगा और अन्य भक्त भी वहां से उन्हें देख पाएंगे। यदि आपके पास में इसी प्रकार की कोई अच्छी आध्यात्मिक खबर हैं अथवा भगवद गीता पुस्तक वितरण तथा जपा कॉन्फ्रेंस के कोई अनुभव है तो आप अपने स्कोर को फेसबुक पेज पर अपडेट कीजिए आप सभी को इसके विषय में बताइए। इस्कॉन में हम इसे संकीर्तन कहानियां कहते हैं। अतः आप सभी का स्वागत है आप अपने जप के अनुभव हमें बताइए । अतः आप जप करते रहिए और पुस्तक वितरण करते हुए आनंद उठाइए । हरि बोल

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