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२८ अगस्त २०१९
जप चर्चा
आज हमारे साथ 85 प्रतिभागी हैं। मैं इसकी अपेक्षा नहीं कर रहा था, क्योंकि भारत और मॉरीशस के लिए यह समय देर रात का है। आप दिन में जप कर चुके होंगे और अब देर रात में जप कर रहे हैं।
स्मरणेन कालह
जप के लिए कोई बहुत कठिन नियम नहीं है। मैं हमेशा जप करता हूँ लेकिन सुबह जप करने का सबसे अच्छा समय होता है। शुभ मुहूर्त है, जप और श्रवण करने के लिए सुबह का समय बहुत शुभ होता है।
राधादेश में आज सुबह भागवतम कक्षा के दौरान, (जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं यहाँ बेल्जियम में हूँ। इसे राधा का देश कहा जाता है और यहां विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। यह राधा का देश है, यहाँ एक बड़ी इमारत है, इसे किला या महल कहा जाता है, इस इमारत को महल कहा जाता है। लेकिन यह भारतीय महल की तरह नहीं है, यह एक अच्छी तरह से निर्मित मजबूत महल या इमारत है। एक समय यहाँ एक राजा था और उस समय के लिए यह सेना का अड्डा भी था। अब यह पिछले चालीस वर्षों से हरे कृष्ण के भक्तों के पास है और बहुत सारे आगंतुक यहाँ आते हैं।
हजारो लोग यहां आते हैं, यह ऐतिहासिक स्थान है, इसलिए लोग इसे देखने आते हैं। बेशक, हम उन्हें इमारत और उसके आस-पास के क्षेत्र तो दिखाते ही हैं, साथ साथ हम उन्हें राधा-गोपीनाथ के दर्शन कराते हैं। यहाँ पर एक संग्रहालय भी है। इस संग्रहालय में संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता है। हर दिन भरतनाट्यम करने के लिए कई समूह यहां आते हैं। यहां बड़ी बड़ी गिफ्ट की दुकाने है, और चांदनी चौक और लोई बाजार के कई आइटम राधा देश की गिफ्ट की दुकानो में मिलते हैं।
यहाँ अच्छी गोशाला भी है। नागपुर के गौरहरी यहाँ की गायों की अच्छे से देखभाल करते हैं। गोविंदा रेस्तरां भी है यहां पर, मैंने सुना है कि बहुत सारे बेल्जियम के लोग यहां आते हैं और प्रसाद पाते हैं। उनकी आसुरी मानसिकता को मारने के लिए इस्कॉन बुलेट यहां उपलब्ध हैं। इस्कॉन की गोलियां, गुलाब जामुन यहां उपलब्ध है। उन्हें इस बात का कोई अनुभव नहीं है कि शाकाहारी व्यंजन भी इतना स्वादिष्ठ पकाया जा सकता है। उन्हें लगता है कि शाकाहारी व्यंजनों का मतलब कुछ कच्ची सब्जियां और उबला हुआ आलू है। लेकिन अब कृष्ण भक्त इन सब शाकाहारी व्यंजनों को उनके सामने दर्शा रहे हैं। वहां पर उनके (आगंतुकों) लिए खाना पकाने की कक्षाएं भी चलाई जा रही हैं। अमेरिका में कॉलेज कैंपस में प्रचार के दौरान बीच में यह भी बताया जाता है कि कैसे चपातियों को पकाया जाता है।
सभी को ये आसान नही दिखता है वो चपातियों को फूलते हुए देखकर चकित होते हैं वे प्रसन्न होते हैं, और उन वस्तुओं को खाते हैं। कभी-कभी हमारे रुक्मिणी-द्वारकाधीश मंदिर में (जो अमेरिका में बहुत ही भव्य मंदिर है), मुझे बताया गया था कि वे 1108 भोग तैयार करते हैं। सभी शाकाहारी व्यंजनों को जन्माष्टमी पर आये हुए आगंतुक प्रसाद के रूप में पाते हैं और वे 1000 से भी अधिक व्यंजनों की तैयारी देख कर शाकाहार के लिए प्रेरित होते हैं अब पश्चिम के बहुत से लोग शाकाहारी बन रहे हैं।
इस प्रकार वे समझते हैं कि शाकाहारी बनने के बहुत फायदे हैं। हम इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकते हैं कि हरे कृष्ण मंदिरों के उत्सव, रविवार का फीस्ट और प्रसादम, गोविंदा के रेस्तरां, इस्कॉन शाकाहारी रसोई की किताबें और खाना पकाने की कक्षाएं ही प्रमुख कारक हैं, लोगो के शाकाहारी बनने के, इस्कॉन को लोगों को सात्विक और शाकाहारी बनाने का श्रेय जाता है। बेशक, हमारे भोजन शाकाहारी ही नहीं,अपितु वे कृष्णटेरियन हैं।
मुझे पता चला, यहाँ राधादेश का भक्तिवेदांत कॉलेज भी है। वे बहुत सारे कोर्स पढ़ाते हैं। कुछ पाठ्यक्रम अभी-अभी पूरे हुए हैं। हमारे यहाँ सुरभि(माताजी) पढ़ाती है? मैंने पूछा कि आप क्या सिखाते हैं? उसने कहा कि उसने किसी को नहीं पढ़ाया है लेकिन वह करताल बजाती है। वह करताल बजाना जानती है। वह एक एक्सपर्ट करताल वादक है। वह ऑनलाइन क्लासेस भी देती है। करताल बजाना भी एक कला है। एक्सपर्ट करताल वादक बहुत दुर्लभ हैं। वह माधवी माताजी की बेटी है, आप लोगो की गॉड सिस्टर है।
उनके पास भक्तिवेदांत कॉलेज में भक्ति-शास्त्री पाठ्यक्रम और विभिन्न पाठ्यक्रम भी हैं। उनके पास कीर्तन की टीम हैं "राधेश- मेलोज़"। वर्ष में एक बार उनके यहाँ बड़े कीर्तन मेला या "राधे देश कीर्तन मेला" होते हैं। यहां पूरे यूरोप से चार दिन, कई यूरोपीय देशों के भक्त और बहुत सारे युवा आते हैं। सचिनंदन महाराज भी आते हैं। वे मुझे भी आमंत्रित कर रहे हैं। लेकिन वहाँ कीर्तन मेला ठंडी में है। यह मेरे लिए काम नहीं कर सकता है। वे मुझे "राधेश मेलोज़" में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे थे। राधादेश इस्कॉन की एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रतिष्ठित परियोजना है। मैं इस समुदाय के भक्तों से मिलने के लिए कुछ दिनों के लिए यहां हूं।
रॉटरडैम और हॉलैंड से भक्त यहां आए हैं। हॉलैंड , बेल्जियम का पड़ोसी है। हॉलैंड और बेल्जियम सीमा का साझा करते हैं। उसी तरीके से एम्स्टर्डम भी पड़ोसी देश हैं। हॉलैंड में कई शिष्य हैं। मैं हॉलैंड नहीं जा रहा हूं, इसलिए वे मुझे मिलने आए हैं। उसी की तरह, हम राधेदेश के भक्तों के साथ हैं। एक घंटे के समय में कीर्तन मेला होता है, श्री श्री राधा-गोपीनाथ यहाँ के सुंदर से विग्रह हैं। वे मध्यम साइज के विग्रह हैं, हर दिन उन्हें कपड़े पहनाए जाते हैं। वे रात में तैयार होते हैं और भक्त कीर्तन करते हैं। मेरा मतलब है कि उन्हें आराम करने के लिए वस्त्र बदले जाते हैं तब कीर्तन कियाजाता है। उन्हें बिस्तर पर ले जाते समय 'हरे कृष्ण' का जप करते हैं, इसलिए आज रात मैं उनके लिए कीर्तन करूंगा और उनके भक्त भी कीर्तन करेंगे।
आपको अब आराम करना चाहिए। मैं देख सकता हूँ आप में से कुछ लोग जम्हाई ले रहे हैं। So keep chanting.......
में यहां पर रुकूंगा, यह एक सत्र के लिए पर्याप्त है।
शुभ रात्रि
गुड नाईट
हरे कृष्ण!!