Hindi

जप करते समय सीधे बैठिये मैं केवल यहाँ जगन्नाथ मंदिर में मेरे समक्ष बैठे हुए भक्तों को ही सम्बोधित नहीं कर रहा हूँ अपितु इस कांफ्रेंस में माध्यम से सम्पूर्ण विश्व में अलग अलग स्थानों पर लगभग ४२८ स्थानों पर बैठे हुए भक्तों को भी सम्बोधित कर रहा हूँ। आपके प्रयासों से इस कांफ्रेंस में सम्मिलित होने वाले भक्तों की संख्या में वृद्धि हुई हैं। हमारा लक्ष्य इस संख्या को दोगुना करना हैं। यह केवल तभी संभव हैं जब आप इस हरिनाम के राजदूत बनते हैं। जो पहले से ही जप कर रहे हैं उन्हें भी इस इस कांफ्रेंस में जप करने के लिए कहिए , तथा कुछ नए भक्तों को भी इसमें सम्मिलित कीजिए जो जप कर सके। जो हरे कृष्ण का जप नहीं करते हैं परन्तु कुछ सिनेमा के गीत गाते हैं , उन्हें भी कहिए कि आप हरे कृष्ण का जप कीजिए। मुझे स्मरण हैं , जब हमने वृन्दावन से पदयात्रा को आरम्भ किया था तब प्रभुपाद ने उद्घाटन प्रवचन दिया था। उसमे उन्होंने कहा , " जारे देखो तारे कहो हरे कृष्ण उपदेश। " उस दिन उन्होंने जारे देखो तारे कहो कृष्ण उपदेश नहीं कहा अपितु उन्होंने कहा जारे देखो तारे कहो हरे कृष्ण उपदेश। अर्थात प्रभुपाद हम पदयात्रियों को हरिनाम का प्रचार करने के लिए कह रहे थे। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।। सम्पूर्ण भारत पदयात्रा के भक्त अभी रुक्मिणी के जन्मस्थान कौडिन्यपुर हैं , जो अमरावती के पास हैं। वे भी हमारे साथ जप कर रहे हैं। उन्हें भी इस बात पर ध्यान देना चाहिए। इसलिए हरिनाम कांफ्रेंस के प्रतियोगियों को हरिनाम के प्रचार के लिए राजदूत बनना चाहिए। अधिक से अधिक मात्रा में लोगों को हरे कृष्ण का जप करने के लिए प्रेरित कीजिए तथा उन्हें इस कांफ्रेंस में सम्मिलित कीजिए। इस प्रकार इस कांफ्रेंस में हम अपने संग को बढ़ा सकते हैं। सुदृढ़ संग , वृहद संग तथा वैश्विक संग जिसके माध्यम से हम अपने जप को और अधिक गुणवत्ता पूर्वक कर सकें। रूस तथा यूक्रैन से कुछ भक्त हमारे साथ जप कर रहे हैं। यह समय उनके लिए अनुकूल नहीं हैं क्योंकि वे हमारे से ३ - ४ घंटे पीछे हैं। उन्हें इस कांफ्रेंस में सम्मिलित होने के लिए २.३० बजे उठना पड़ता हैं। रूस तथा यूक्रैन से ४० से भी अधिक भक्त हमारे साथ जप कर रहे हैं तथा हमेशा की तरह मॉरिशियस का स्कोर अभी भी उच्चतम हैं। हार्दिक पटेल एक नए भक्त हैं , जो इस कांफ्रेंस में सम्मिलित होते हैं। उनकी आदत थी कि वे घूमते हुए तथा कार्य करते हुए जप करते थे। हमने उन्हें सुझाव दिया , " बैठकर जप करो। " अमेरिका से हार्दिक पटेल की एक समस्या हैं कि यदि वे बैठकर जप करते हैं तो उन्हें नींद आने लग जाती हैं। यदि आपको नींद आ रही हैं तो आप कुछ मिनटों के लिए खड़े हो जाइये तत्पश्चात पुनः बैठकर जप कीजिए या आप अपना चेहरा धो सकते हैं। एक समय जप सत्र के दौरान श्रील प्रभुपाद ने कहा था , " सीधे बैठो। " इसलिए हमें सीधा बैठना चाहिए। हम जप योगी हैं। भगवद गीता के छठे अध्याय में भगवान श्री कृष्ण ने ध्यान मुद्रा का वर्णन किया हैं। हमें सीधा तथा सावधान होकर बैठना चाहिए जिसे सुखासन कहते हैं। इससे नींद चली जाएगी। इस प्रकार यह न केवल हार्दिक पटेल अपितु अन्यों को भी हमारी सलाह थी। यह मेरी सलाह हैं तथा यही भगवान की भी सलाह हैं कि हमें किस प्रकार बैठना चाहिए। मैं आज भी इस्कॉन अहमद नगर में हूँ। इस्कॉन अहमद नगर की जय ! मैं यहाँ बहुत से भक्तों द्वारा घिरा हुआ हूँ। मैं यहाँ इस्कॉन के अतिथि गृह में हूँ। यह इस्कॉन का अथिति गृह जगन्नाथ पूरी हैं। यहाँ जगन्नाथ , बलदेव तथा सुभद्रा जी के विग्रह हैं। उनकी जय हो। हम यहाँ अहमद नगर में यहाँ की प्रथम जगन्नाथ रथ यात्रा की तैयारी कर रहे हैं। मुझे विश्वास हैं कि आज जप करते समय भक्त जगन्नाथ तथा जगन्नाथ की सेवा के विषय में सोच रहे होंगे। न केवल भक्त अपितु यहाँ के हज़ारों नगरवासी आज जगन्नाथ का दर्शन करेंगे तथा उन्हें जगन्नाथ के रथ को अहमद नगर की गलियों में खेंचने का सौभाग्य मिलेगा। अतः यह अहमद नगर के भक्तों के लिए अत्यंत कृपा का दिन हैं। अहमद नगर रथ यात्रा की जय ! इस कांफ्रेंस में जो यह सुन रहे हैं वे रथ यात्रा का सुनकर अत्यंत हर्षित हो रहे हैं तथा वे अपनी प्रसन्नता टिप्पणियों के माध्यम से भेज रहे हैं। अतः मैं अपनी वाणी को यहीं विराम दूँगा। यहाँ बहुत कार्य जो करना हैं। बातें कम कीजिए तथा कार्य अधिक कीजिए। अधिक सेवा कीजिए। मैं अपनी वाणी को यहीं विराम दूंगा क्योंकि मुझे भी सेवा के लिए जाना हैं। जगन्नाथ स्वामी की जय ! गोपाल जी की जय ! गौर प्रेमानन्दे हरी हरी बोल ! हरे कृष्ण !

English

SIT PROPERLY WHILE CHANTING I am not only addressing the devotees sitting here in front of me in Jagannath temple , but to all the devotees at the 428 places who are chanting with us on this conference. There is an increase in the number of participants due to the efforts of some of you. Our target is to double it. This is possible if you become an ambassador of the holy name. Those who are already chanting, get them to chant on the conference and then get some brand new people. Those who are not chanting Hare Krishna, but are singing some nonsense cinema songs, tell them to chant Hare Krishna. I was reminded of the time when we had started Padayatra from Vrindavan, Prabhupada gave the inaugural talk. That time he said , “ jare dakho tare kaho Hare Krishna upades”. That day he didn't say - jare dakho tare kaho krsna upades. Instead he said - jare dakho tare kaho Hare Krishna upadesh. That means Prabhupada was asking us padayatris to propagate the holy name of the Lord. HARE KRISHNA HARE KRISHNA KRISHNA KRISHNA HARE HARE HARE RAMA HARE RAMA RAMA RAMA HARE HARE All India Padayatra devotes are in Kaundinyapur near Amaravati near the birthplace of Rukmini. They are also chanting with us. They also should pay attention to this. So participants of the holy name conference, as I said earlier, should become the ambassadors of the holy name, propagators of the holy name. Get more and more people to chant Hare Krishna and inspire them also to join this conference. Like that we can increase our association on this conference. Strong association, big association, global devotee association to further help us to chant with speed and more concentration. Some of Russian and Ukrainian devotees are chanting with us. This is not a favourable time for them, as they are 3 - 4 hours behind our time. They have to get up at 2.30 am. More than 40 devotees from Russia and Ukraine are chanting with us and of course Mauritius is always on top. Hardik Patel is one of the new participants He has a habit of moving around and working and chanting. We suggest to him that, 'we need to sit down and chant. ‘ Hardik Patel from America has a problem, that if he sits and chants , he feels drowsy. If he feels drowsy, then he can stand up for few minutes and then again sit down and continue to chant. Or he can wash face. One time during the chanting session Prabhupada had said, “ SIT PROPERLY! “ So we should sit properly. We are Japa Yogis. The way in the sixth chapter of Bhagavad-Gita Krsna had explained about Dhyana-mudra. We should sit properly and erect, which is also called sukhasan. Then sleep will go away. So that was our advice to Hardik Patel and to others also, not only to him. This is my advise, or advise of the Lord also about sitting. I am here in ISKCON Ahmednagar today. ISKCON Ahmednagar ki Jay! I am surrounded by a lot of devotees here. I am staying in the ISKCON guest house. This ISKCON guest house is Jagannath Puri. There are Deities of Jagannatha, Baladev and Subhadraji. All glories to Them. We are getting ready for the first ever Jagannath Ratha-yatra in Ahmednagar. Devotees are preparing for months. We are looking forward to the Ratha-yatra event. I am sure devotees are remembering today while doing Japa, Jagannatha and services of Jagannath Rath-Yatra festival. Not only devotees , but thousands of citizens will have darsana of Jagannatha today and will get the opportunity to pull the chariot of Jagannatha on the streets of Ahmednagar. So this is the blessed day for the citizens of Ahmednagar. Jagannatha Ratha-Yatra in Ahmednagar ki jay! Those on the conference who are listening to this are becoming joyful hearing about Rath yatra and are expressing their joy on the chat. So we will stop here. There are a lot of things to do. Talk less , work more. Serve more. So I will stop and get ready for Seva. Jagannatha Swami ki Jay!! Gopal ji ki Jay!! Gaur Premande Hari Hari bol!! Hare Krishna!

Russian

Сидите правильно во время воспевания Я обращаюсь не только к преданным, которые сидят здесь передо мной в храме Джаганнатхи, но и ко всем преданным в 428 местах, которые воспевают вместе с нами на этой конференции. Благодаря усилиям некоторых из вас увеличивается число участников. Наша цель - удвоить его. Это возможно, если вы станете представителем Святого Имени. Приглашайте на конференцию тех кто уже воспевает Харе Кришна. Затем пригласите несколько новых людей, тех кто не повторяет Харе Кришна, а поет какие-то бессмысленные песни из фильмов, скажите им что нужно перестать петь бессмысленные песни из фильмов, и начать повторять Харе Кришна. Мне напомнили о том времени, когда мы начали Падаятру из Вриндавана, Прабхупада дал вступительную речь. В то время он сказал: “ jare dakho tare kaho HareKrishna upades”. В тот день он не сказал - jare dakho tare kaho krsna upades.. Вместо этого он сказал“ jare dakho tarekaho Hare Krishna upades”. Это означает, что Прабхупада просил нас, участников падайатры, распространять Святое Имя Господа. Харе Кришна Харе Кришна Кришна Кришна Харе Харе Харе Рама Харе Рама Рама Рама Харе Харе Все индийские преданные участники падаятры находятся в Каундиньяпуре, недалеко от Амаравати, недалеко от места рождения Рукмини. Они также воспевают с нами. Они должны обратить на это внимание. Поэтому участники конференции Святого Имени, как я уже говорил ранее, должны стать послами Святого Имени, проповедниками Святого Имени. Приглашайте все больше и больше преданных повторять Харе Кришна и вдохновляйте их присоединиться к этой конференции. Так мы можем увеличить наше общество на этой конференции. Сильное общество, большое общество, глобальное общество преданных, чтобы помочь нам воспевать с большей скоростью и большей концентрацией. Некоторые из русских и украинских преданных воспевают вместе с нами. Это не самое подходящее для них время, так как их время отстает на 3 - 4 часа. Они должны встать в 2.30 утра. С нами воспевают более 40 преданных из России и Украины. И конечно, Маврикий всегда на вершине. Хардик Патель - один из новых участников. У него есть привычка стоять или ходить по кругу и воспевать. Мы говорим ему: «Нам нужно сесть и воспевать». У Хардика Пателя из Америки есть проблема: если он сидит и воспевает, он засыпает. Если он чувствует сонливость, он может подняться на несколько минут, а затем снова сесть и продолжить воспевать. Или он может умыть лицо. Однажды во время джапа сессии Прабхупада сказал: «Сиди правильно!» Поэтому мы должны сидеть правильно. Мы джапа йоги. В шестой главе «Бхагавад-гиты» Кришна объяснил, что такое дхйана-мудра. Мы должны сидеть правильно и прямо, что также называется sukhasan. Тогда сон уйдет. Так что это был наш совет Хардику Пателю и всем остальным, не только ему. Это мой совет или также совет Господа относительно положения тела. Я сегодня здесь, в ИСККОН Ахмеднагар. ИСККОН Ахмеднагар Ки Джай! Я окружен здесь множеством преданных. Я остаюсь в доме для гостей ИСККОН. Этот гостевой дом ИСККОН - Джаганнатха Пури. Здесь есть Божества Джаганнатхи, Баладева и Субхадраджи. Вся слава Им. Мы готовимся к первой в истории Ахмеднагара, Джаганнатха Ратха-ятра. Преданные готовятся месяцами. Мы с нетерпением ждем начала Ратха-ятры. Я уверен, что сегодня во время джапы преданные вспоминают Господа Джаганнатху и служение Джаганнатха Ратха-ятре. Сегодня не только преданные, но и тысячи граждан получат даршан Джаганнатхи и получат возможность тащить колесницу Джаганнатхи по улицам Ахмеднагара. Так что это благословенный день для жителей Ахмеднагара. Джаганнатха Ратха-ятра в Ахмеднагар Ки Джай! Преданные находящиеся на конференции слушают о Джаганатха Ратха ятре, радуются и выражают свою радость в чате. Итак, мы остановимся здесь. Еще необходимо сделать много вещей. Меньше слов больше дела. Больше служения. Поэтому я остановлюсь здесь и буду готовиться к Севе. Джаганнатха Свами Ки Джай !! Гопал Джи Ки Джай !! Gaur premananda Хари Хари бол !! Харе Кришна! Давайте воспевать вместе видео сессий / транскрипты лекций / перевод, доступны здесь: http://lokanathswami.com/lets-chant-together/ - «Мы приглашаем вас присоединиться к нам в ИСККОН-Пандхарпуре к 70-й Вьяса Пудже Его Святейшества Локанатха Свами Махараджа, инаугурации Прабхупада Гхата и специальной ятры Пандхарпура, Араваде, Колхапура и Деху с 9 по 15 июля 2019 года».