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21अगस्त 2019 हरे कृष्ण गोरांग, हरि हरि बहुत सारी चीजें हैं बोलने के लिए, बहुत सारे विषय हैं कहने के लिए.... कृष्ण जन्माष्टमी आ रही है, कृष्ण आ रहे हैं, अगर सही कहे तो कृष्ण प्रकट हो रहे हैं (महाराज जी हंसते हुए) वास्तव में वह प्रकट हो चुके हैं 5247 वर्ष पूर्व..... हम कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाने जा रहे हैं। जन्म और अष्टमी, अष्टमी को कृष्ण जन्म अर्थात श्री कृष्ण प्रकट हुए। कृष्ण हमारे लिए प्रकट हुए, हमारे हृदय में प्रकट हुए इस दिन कृष्ण हमारे हृदय में प्रकट हुए, कृष्ण हमारे हृदय में सदा से विराजमान हैं वह हमें याद दिलाते हैं की मेरा ध्यान करो मुझे याद करो मेरी पूजा करो मन्मना भव मद्भक्तो मद्याजी मां नमस्कुरु..... हम सभी एकत्र होते हैं और भव्य उत्सव का आयोजन करते हैं, भगवान श्री कृष्ण का जन्म दिवस मनाने के लिए। हजारों हजारों बार जन्मदिन आ चुका है (जैसे भक्त एक दूसरे का जन्मदिन मनाते हैं उसी की तर्ज पर....Happy Birthday to youuuuooo//एक बड़ा सा यु बोला महाराज जी ने//....And all that, महाराज जी हंस्ते हुए) अब जप करने वाले भक्तों ने भगवान का भी जन्म दिवस का भव्य उत्सव मनाना शुरू किया है। श्रील प्रभुपाद ने हमारे अंदर कृष्ण भावनामृत को पोषित किया अब हम अपने जन्मदिन को महत्व नही देते हैं, हमारा अपना जन्मदिन महत्वपूर्ण नही है, अब श्री कृष्ण का जन्मदिन हम सबके लिए महत्वपूर्ण है। श्रील प्रभुपाद जब 1965 में विदेश जा रहे थे, उन्होंने जलदूत पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया, जलदूत जहाज के सभी कर्मचारियों को एकत्रित करके श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया, उन्होंने अपना जन्मदिन नहीं मनाया। प्रभुपाद ने तत्पशचात अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ को स्थापित करके जो व्यवस्था बनाई उसके द्वारा पूरे विश्व में हरिनाम का प्रचार किया, मंदिरों की स्थापना की भागवत और भगवद्गीता गीता जैसे शास्त्रों के माध्यम से हरिनाम का प्रचार किया, और आज 150 देशों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाता है। नगर संकीर्तन वहा पहुँचा, भगवान का नाम पहुँचा, विदेशो में भी अब नई आत्माएं, नई तो नही क्योंकि आत्मा तो आत्मा है या फिर ये कहे कि वहाँ (विदेशो में ) भी आत्माओं को कुछ नया प्राप्त हुआ, अब वो एक नए प्रकार, बहुत ही लाभकारी उत्सव मना रहे हैं। ये श्री कृष्ण के जन्मदिवस का उत्सव है। यह आनंद का विषय है कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव बड़े धूम धाम से पूरे पृथ्वी पर मनाया जाता है । कुछ ही दिनों बाद लाखों भक्त या फिर आत्माएं (भी कह सकते हैं), सभी प्रकार के लोग (काले, श्वेत )अलग अलग जगहों पर श्री कृष्ण का प्राकट्य, अवतरण दिवस मनाने जा रहे हैं, सही मायने में यही उत्सव का पूर्ण अनुभव है। मैं अपनी यात्रा के दौरान अलग अलग जगहों पर देख रहा हूँ कि किस प्रकार भक्त लोग भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस के भव्य उत्सव की तैयारी में लगे है। मैं अभी यहाँ इंग्लैंड में हूँ, यहाँ लंदन के भक्ति वेदांत मैनर में मैं श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव समारोह में भाग लूंगा। भारत से बाहर यहां इंग्लैंड के भक्तिवेदांत मैनर लंदन में जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा। अमेरिका, ह्यूस्टन अलग-अलग जगहों पर जहां भी मैं गया हूं अपने प्रवचनों में कीर्तन के माध्यम से याद दिलाया कि जन्माष्टमी आ रही है। अभी पिछले रविवार को मैं ह्यूस्टन में था, वहां भी अपने प्रवचन में मैंने भगवान के अवतरण के बारे में बताया। सभी को याद दिलाया कि जन्माष्टमी आ रही है। इसी प्रकार अमेरिका के न्यू वृंदावन में 2 दिन का कृष्ण लीला पर प्रवचन हुआ। वहां भी कृष्ण ही विषय(सब्जेक्ट मैटर) थे। कृष्ण का जन्म ही प्रवचन का विषय था। इस प्रकार से मैंने उन्हें याद दिलाया कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी आ रही है सभी लोग मानसिक रूप से, व्यावहारिक रूप से, भौतिक रूप से अपने आप को तैयार कर लो भगवान श्री कृष्ण के अवतरण दिवस के उत्सव को मनाने के लिए... यहां पर जप कॉन्फ्रेंस में उपस्थित सभी जप करने वालों को भी मैं श्री कृष्ण जन्माष्टमी के आगमन की याद दिला रहा हूं आप सभी अब ज्यादा से ज्यादा कीर्तन कथा भागवत सप्ताह इत्यादि की तैयारियों में जुट जाए। अभी नोएडा में भक्तों ने एक हरिनाम संकीर्तन का आयोजन किया और सभी को कृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव के लिए आमंत्रित किया, उन्होंने लोगों को आमंत्रित किया कि आप सभी आइए और श्री श्री राधा गोविंद देव भगवान के जन्म उत्सव में भाग लीजिए नोएडा के भक्त 3 से 4 लाख लोगो के सम्मिलित होने के लिए अश्वस्त हैं और तैयारियों में लगे हुए हैं। इस्कॉन नोएडा भव्य जन्माष्टमी उत्सव मनाने वाले मंदिरों में से एक है। मेरे जोन में आने वाले मंदिरो के भक्त, मेरे अनुयायियों के साथ साथ पूरा संसार श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियों में लगा हुआ है। आप सब भी यह सुनिश्चित कर लें कि आप एक सही मनो भाव में हैं और उत्सव मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सही भाव को बनाने के साथ साथ आप को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म और लीलाओ को भी समझना होगा। जन्म कर्म च मे दिव्यमेवं यो वेत्ति तत्त्वतः... ॥4.9॥ जो मेरे जन्म को समझता है, जन्म तत्व को समझता है, भगवान के जन्म को समझना भी एक तत्व ज्ञान है। जो भगवान के जन्म तत्व और लीला तत्व को समझता है लीलाओ के विज्ञान को...उनके जन्म और लीलाओं का जो मूलभूत आधार है, उसको जो तत्वतः समझता है, उससे भगवान कहते हैं कि मैं तुम्हे अद्वितीय उपहार दूंगा। अपने बर्थडे पर में सबको उपहार(एक प्रकार का बर्थडे रिटर्न गिफ्ट) दूंगा वह कहते है,... त्यक्त्वा देहं पुनर्जन्म नैति मामेति सोऽर्जुन यह है वो उपहार...कि ये भौतिक और दयनीय शरीर एक बार त्याग करने के बाद दोबारा ग्रहण नही करना पड़ेगा, मेरे धाम में मेरा शाश्वत संग और सेवा का आनंद प्राप्त करोगे। भगवान का इस प्रकार के उपहार का प्रस्ताव उन लोगो के लिए है जो इसे प्राप्त करने के लिए बिल्कुल उपयुक्त और योग्य(पात्र, आधिकारिक) हैं। भगवान का यह रिटर्न गिफ्ट योग्य व्यक्ति जप करने के बदले में प्राप्त करते हैं, भगवान की सेवा करने के बदले में प्राप्त करते हैं, वो भगवान के जन्मदिवस की तैयारियां करते हैं। .....(महाराज जी हस्ते हुए )और भी बहुत सी सेवाएं करते हुए वो भगवान के जन्माष्टमी उत्सव में भाग लेते हैं। वास्तव में कीर्तन और नृत्य श्री कृष्णजन्माष्टमी उत्सव का एक बडा हिस्सा है। सभी उत्साहपूर्वक तैयार होजाओ... श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव की....जय गौर प्रेमनान्दे हरि हरि

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