Hindi

24- 12- 2019 विषय :भगवत गीता की महिमा। आइए अब हम जप कॉन्फ्रेंस को प्रारंभ करते हैं। जप के समय केवल जप कीजिए चैट मत कीजिए। यह नियम आप सभी के लिए है जिससे अंग्रेजी भाषी भक्तों के लिए इस जप चर्चा का अनुवाद सुगमता पूर्वक हो सके। इस कॉन्फ्रेंस में अब हम केवल ध्यानपूर्वक जप करेंगे। हरेर नाम इव केवलम। यदि जप चर्चा के दौरान आप अपने संदेश भेजते रहेंगे तो अंग्रेजी भाषी भक्त इस जप चर्चा के अनुवाद को ध्यान पूर्वक नहीं समझ सकेंगे अतः केवल जप कीजिए तथा चैट मत कीजिए। मैं पिछले कुछ दिनों से लाइव जप कॉन्फ्रेंस करना चाहता था परंतु यहां सरकार द्वारा इंटरनेट बंद कर दिया गया था। यह कलयुग साधन में बाधा उत्पन्न करता है। सर्व साधन बाधकम। अब मैं पुनः इस कांफ्रेंस का लाइव सेशन प्रारंभ करूंगा। यह गीता जयंती का महीना है, कुछ के लिए यह क्रिसमस का महीना भी है। क्रिसमस के महीने में वे बहुत अधिक खरीदारी करते हैं तथा पैसा व्यय करते हैं। कई हिंदू भी क्रिसमस मनाते हैं तथा वे खरीदारी के लिए बाहर जाते हैं। वे अपने-अपने भाव के अनुसार कुछ ना कुछ अवश्य खरीदते हैं। वे सभी कई प्रकार की वस्तुएं खरीदते हैं अतः हरि भक्त इस समय विशेष रूप से उन्हें भगवद्गीता देते हैं, जिससे वे भगवद गीता खरीद सके। वास्तव में तो भगवत गीता खरीदी अथवा बेची नहीं जा सकती है। यह एक अमूल्य उपहार है। भगवत गीता की भगवत गीता का मूल्य क्या हो सकता है? भगवत गीता का वही मूल्य है जो परम भगवान का मूल्य है। ऐश्वर्यस्य समग्रस्य। जब हम भगवत गीता का वितरण करते हैं तो उन्हें भगवान की वाणी प्राप्त होती है इससे मूल्यवान वस्तु और क्या हो सकती है ? अतः आप अधिक से अधिक मात्रा में पुस्तक वितरण कीजिए। इस महीने के अभी भी कुछ दिन शेष है। जिस प्रकार हरिनाम भगवान है तथा उसी प्रकार भगवत गीता भी भगवान से अभिन्न है। इस जगत में कृष्ण भावनामृत का अभाव है। जब तक कोई जीव कृष्ण को प्राप्त नहीं कर सकता तब तक वह संतुष्ट नहीं हो सकता है। एकम शास्त्रम देवकी पुत्र गीतम अर्थात संपूर्ण विश्व के लिए एक ही शास्त्र हो और वह है गीता। गीता परम भगवान के श्री मुख से उत्पन्न हुई है अतः यह भगवान से अभिन्न है। गीता को किसने जन्म दिया? गीता का जन्म कृष्ण के श्रीमुख से हुआ है। कृष्ण संपूर्ण है अतः उनकी वाणी भगवत गीता भी संपूर्ण है। एको देवो देवकी पुत्र एव अर्थात संपूर्ण विश्व के एक ही आराध्य हो और वह आराध्य है श्री कृष्ण। यह ज्ञान हमें भगवत गीता के माध्यम से प्राप्त होता है। केवल एक ही भगवान हैं , आदि देव विभु , और वे भगवान है श्री कृष्ण। इसीलिए भगवान कहते हैं - माम एकम शरणम ब्रज। जगत के लोग यह मानते हैं कि कई सारे भगवान हैं। वे ऐसे तर्क भी देते हैं - सबका मालिक एक। परंतु वे यह नहीं जानते कि वास्तव में वह मालिक कौन है? यह ज्ञान हमें केवल भगवत गीता के माध्यम से ही प्राप्त हो सकता है। केवल ऐसा कहने से कि मैं भगवान में विश्वास करता हूं, पर्याप्त नहीं है। परंतु हमें यह भी समझना होगा कि भगवान कौन है? उनके गुण क्या है? एको मंत्र तस्य नामानि अर्थात सभी के लिए एक ही मंत्र हो, एक ही प्रार्थना हो और वह है उन परम भगवान के नामों का उच्चारण हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे। हरेर नाम इव केवलम। जब हम कहते हैं कृष्ण तो यह अपूर्ण है। हमें राधा कृष्ण कहना होगा। क्योंकि राधा तथा कृष्ण यह दोनों अभिन्न है। कृष्ण शक्तिमान है तथा राधा उनकी शक्ति है। इसीलिए राधा तथा कृष्ण में कोई भेद नहीं है। अद्वैत अनादि अनंत रूपम अर्थात उनके कई रुप है। परंतु राधा तथा कृष्ण यह आदि रुप है। हरे कृष्ण महामंत्र में भी हरे का अर्थ राधा रानी है तथा कृष्ण स्वयं कृष्ण है। भगवान एक ही है। यह ज्ञान हमें भगवत गीता से प्राप्त होता है। कर्माप्य एकम तस्य देवस्य सेवा अर्थात सभी के लिए केवल एक ही कर्म हो उन परम भगवान की सेवा करना। इस प्रकार गीता महात्म्य में इन चार बातों पर जोर दिया गया है - 1)- एकम शास्त्र : भगवत गीता 2)-एको देव : श्री कृष्ण 3)- एको मंत्र :हरे कृष्ण महामंत्र 4) कर्मप्य एकम :उनकी आध्यात्मिक सेवा। इस प्रकार जब हम यह पढ़ते हैं तो हम यह समझ पाते हैं कि किस प्रकार हम संपूर्ण विश्व को एकजुट कर सकते हैं। वसुधैव कुटुंबकम। हम देखते हैं की श्रील प्रभुपाद ने इस्कॉन का निर्माण किया जहां संपूर्ण विश्व एक साथ रह सकता है। हम हरीभक्ति माताजी, नारद मुनि, अर्चना भक्ति, कृष्ण देव प्रभु, आदि विभिन्न स्थानों से विभिन्न देशों से भक्तों को इस कॉन्फ्रेंस में जब करते हुए देख सकते हैं। यह सभी अलग-अलग देशों से है परंतु अब वे एक परिवार है। यह सभी श्रील प्रभुपाद के परिवार का, राधा-कृष्ण के परिवार का अंश है। आप सभी को यह अनुभव होना चाहिए कि हम आध्यात्मिक जगत का वास्तविक संयुक्त राष्ट्र है। जो भगवत गीता पढ़ते हैं केवल वे यह समझ सकते हैं कि केवल एक ही परम भगवान है और वह है श्री कृष्ण, केवल एक ही मंत्र है और एक ही कार्य है । अब हम इस कांफ्रेंस को यहां विराम देते हैं। आप इसके विषय में और अधिक चिंतन कर सकते हैं। यह आपके विचारों के लिए आहार है। भगवत गीता पढ़ने का फल क्या है? यह हम सभी ने इस्कॉन में अनुभव किया है। यदि हम अधिक से अधिक मात्रा में नए व्यक्तियों को भगवत गीता का वितरण करेंगे तो हम हमारे इस परिवार में सदस्यों की संख्या और अधिक बढ़ा सकेंगे। और इस प्रकार आप सभी श्रील प्रभुपाद के परिवार का विस्तार कर सकेंगे। अतः आप सबसे निवेदन है कि अधिक से अधिक मात्रा में भगवत गीता का वितरण कीजिए। आप हमें अपना स्कोर भी भेज सकते हैं हैं, आपने कितनी भगवत गीता का वितरण किया? यह स्कोर आप सभी से इस माह के अंत में लिया जाएगा। आप सभी से पुनः भेंट होंगी। गीता जयंती की जय ! अर्जुन कृष्ण की जय ! श्रील प्रभुपाद की जय ! गौर प्रेमानंदे हरि हरि बोल

English

24th December 2019 Topic- Glories of Bhagavad Gita So lets start our Japa live conference. Please no chatting,only Chanting. This is the new rule for all of you, so that English transcription goes well. In this section, we can do only Harinaam means attentive chanting. Harinaam eva kevalam. If we chat during Japa conference then english listeners cannot read properly,thats why no chatting, only chanting. Today I want to do Live session but government stopped Internet. Kaliyuga is a sarva sadhan badhak, always evoke problems and disturbance in sadhana. Now I try to continue this live session of Japa talk. This is the month of Gita Jayanti, others have Christmas month, they do lots of shopping and spending money. Many hindus also celebrate Christmas, so they go for shopping. They are in buying mood. They purchase many things, so Hari-bhakta makes use of this season to distribute Bhagavad Gita. Gita cannot be sold or purchase. It is the most valuable gift. What is the value of BG? It is as much valuable as lord. Aishvarya samgrasya. When we distribute BG , they get vaani(instructions) of God. It is most valuable. So, please distribute books. There are still few days left in this month. Harinaam is also God and BG is also God. In this world, there is lack of Krishna consciousness. Until a jiva attains Krishna, he cannot be happy. ekam shastram devaki-putra-gitam. Let there be one scripture only, one common scripture for whole world. Gita is spoken from the Lotus mouth of Lord, so it is not different from Lord. Who gave birth to BG? Gita took birth from Krishna's mouth. Krishna is complete, that is why, His vaani BG is also complete. eko devo devaki-putra eva. Let there be one God for the whole world- Sri Krsna. So this we have to understand through BG. There is one God - Adi deva vibhu that is Krsna. That is why He says mam ekam sharanam vraja. World believes that there are many Gods. They give arguments, sabka maalik ek. But they do not know Who is that one God? That is only known by studying BG. Only by saying I believe in God is not enough. But we have to understand who is God? What are the qualities of God? eko mantras tasya namani yani. One hymn, one mantra, one prayer- the chanting of His name: Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare, Hare Rama Hare Rama Rama Rama Hare Hare. Harernaam eva kevalam. When we say only Krishna, it is incomplete. We have to say Radha and Krishna. Because they are non-different. Krishna is Shaktimaan and Radha is Shakti. There is no difference between Radha and Krishna. Adveta adi ananta rupam. But they have many forms. But Radha-Krishna is a adi rupa(Primeval form). In the Hare Krishna Maha Mantra, Hare refers to Radharani and Krishna is Krishna. God is only one. We get this Knowledge through BG. Karmapy ekam tasya devasya seva. And let there be one work only- the service of the Supreme Personality of Godhead. So in Gita Mahatmaya, four things are emphasised: 1) ekam sastra- BG. 2) eko deva-Krishna 3) eko mantras - Hare Krishna Mahamantra 4) eko Karmapy- Devotional service So when we study then we can know how can we unite all world. Vasudeva Kutumbhakam. We can see Srila Prabhupada has created ISKCON where whole world can live together. We see Hari Bhakti Mj, Narad Muni, Archana Bhakti, Krishna Deva Prabhu from Mauritius. They all belong to different countries but they are one family now. Srila Prabhupada Family, Radha- Krishna Family. You all must be experiencing this, that we are united nations of the spiritual world. Those who are studying BG, they understand that there is one God- Krsna, one mantra, one work. So, I stop here. You can think what I have said. This is a food for thought. What is the result of our Studying BG? We all realised in ISKCON. If we distribute BG in more and more people, we will connect more new members in our family.All of you should expand Srila Prabhupada's family, so please distribute BG. You can also send your scores "How many BG you have distributed?" in the end of this month. We will meet again. Gita Jayanti ki Jai! Arjuna- Krsna ki Jai! Srila Prabhupada ki Jai! Gaur premanande Hari Hari Bol!

Russian

Джапа сессия 24.12.2019 Не болтать только воспевать. (No chatting only chanting). Это новое правило для каждого. Вы можете написать ваши вопросы и комментарии на странице фейсбук. Мы будем только воспевать на конференции. Поэтому следует вовсе не писать в чат во время Джапа Конференции. Если вы пишете в чат, тогда преданные которые говорят по английски, сталкиваются с трудностями в понимании перевода лекции которые переводят в чат. Так много дней я думал, чтобы иметь живую сессию вместе с вами. Но правительство остановило интернет. Поэтому были некоторые проблемы, потому что мы живём в век Кали. Сегодня я воспевал и буду продолжать воспевать. Месяц Гита Джаянти продолжается. У других месяц Рождества. Они совершают много покупок и тратят деньги. Они в атмосфере покупок и они настроены приобретать. Преданные Харе Кришна используют этот сезон для распространения Бхагавад Гиты. Гита не может быть продана или закуплена. Какая ценность Б.Г.? Она так же бесценна как сам Господь и Его речь. Если кто-то получает Б.Г. тогда он получает Господа и Его речь. Продолжайте распространять Б.Г. Осталось ещё несколько дней в этом месяце. Харинам это также Господь. Б.Г. это также Господь. До тех пор пока джива не получить Господа она не будет удовлетворена. Достаточно одного писания. Какое это? Это песня спетая сыном Деваки. Гита рассказана из лотосных уст Господа. Кто дал рождение Б.Г.? Господь дал рождение Б.Г. Эти заявления произошли из уст Господа. Они не отличны от Господа. Если вы читаете Б.Г. тогда вы будете знакомы с Господом, которым является Шри Кришна. Мир говорит, что есть кто-то, кто поддерживает целый мир, но они не знают кто это. Изучая Б.Г. мы можем осознать Господа. У нас есть базовые знания, что есть Господь, изучая Б.Г. мы получаем понимание кто Он, какой Он действительно. Есть 4 вещи которые говорятся в этом стихе. Достаточно только одного писания. Тогда почему есть необходимость в других священных писаниях? Господь только один и это Шри Кришна. Есть только одна мантра, одно писание и один Господь. Это величайшее имя Кришна. Если вы скажете Кришна - это будет не полным. Вы должны добавить Радха. Имя Господа это Радха Кришна. Если Господь является источником энергии тогда Радхарани и мы Его энергии. Для всех людей мира у нас есть единственное имя - это Радха и Кришна. Эта Махамантра которая обнаружена в писаниях. Так это третья вещь. Господь один. Мы можем понять это изучая Б.Г. Карма для всех людей или джив это преданное служение. Таким образом Б.Г. обучает преданному служению. Поэтому служение Кришне - это единственный долг каждого живого существа в этом мире. Б.Г. это Бхакти Шастра. Она учит как заниматься преданным служением. Это так же обучение, как целый мир может объединится в одну семью. Если мы должны понять и изучить этот целый мир тогда это может быть сделано изучая Б.Г. Я вижу это сейчас, как все люди с разных стран в данный момент как одна семья Шрилы Прабхупады или Шри Чайтаньи Махапрабху или Радхи и Кришны. Я чувствую, что вы будете испытывать, что мы объединены и мы все принадлежим Кришне. Таким образом это Объединение Наций Духовного Мира. Поэтому повсюду, каких бы разных уголков мира ни достигла Б.Г. они поймут, что есть одно писание Б.Г., есть один Господь Кришна и есть одна мантра Махамантра и есть одна обязанность - это преданно служить Ему. Поэтому думая об этом - это Б.Г. как она есть. Если мы распространяем это мы сможем испытать спокойствие в целом мире и расширить ИСККОН. Что ты хочешь делать, чтобы расширить эту семью? Каждой дживе следует расти. Поэтому распространяйте Бхагавад Гиты. Тогда вы сможете разместить ваши результаты, когда я спрошу у вас. Итак мы увидимся завтра. Гита Джайанти Махотсава ки джай. (Перевод матаджи Оджасвини Гопи)